PAN 2.0 Feature: भारत सरकार ने एक नया और उन्नत PAN सिस्टम पेश किया है, जिसे PAN 2.0 कहा जा रहा है. इस योजना की घोषणा सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की, और कैबिनेट कमेटी ऑन इकॉनॉमिक अफेयर्स ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है.


इस योजना का उद्देश्य PAN को सभी सरकारी एजेंसियों के लिए एक सामान्य व्यावसायिक पहचान पत्र के रूप में स्थापित करना है. अब सवाल यह उठता है कि नया PAN कार्ड पुराने कार्ड से कैसे अलग होगा? आइए जानते हैं आयकर विभाग की इस नई योजना के बारे में.


PAN 2.0 की नई विशेषताएं


Permanent Account Number यानी PAN की शुरुआत 1972 में हुई थी, और यह दशकों से करदाता की पहचान के रूप में उपयोग किया जा रहा है. PAN 2.0 तकनीकी दृष्टि से पुराने सिस्टम का उन्नयन होगा, जो सरकार की डिजिटल इंडिया योजना से मेल खाता है.


केंद्र सरकार इस सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है. नए PAN कार्ड में एक QR Code होगा, जिससे स्कैनिंग आसानी से की जा सकेगी और अधिक ऑनलाइन कार्य किए जा सकेंगे. इस तरह, यह सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल होगा, जिससे सुरक्षा और प्रभावशीलता में भी वृद्धि होगी.


यह नया सिस्टम करदाताओं को तेज़ और बेहतर अनुभव देने का उद्देश्य रखता है, जिससे उन्हें अधिक आसानी से और अधिक प्रभावी तरीके से अपनी सेवाएँ मिल सकेंगी. यह सिस्टम व्यापारिक गतिविधियों के लिए एक सामान्य पहचान पत्र के रूप में काम करेगी, जो खास क्षेत्रों में लागू होगा.


साथ ही, सुरक्षा सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि यह बढ़ती हुई खतरों के खिलाफ अधिक प्रभावी हो सके. इस पूरे सिस्टम को कागजी कार्यवाहियों से मुक्त किया जाएगा, जो इस योजना को पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी काफी फायदेमंद बनाएगा. इससे सरकार की लागत में भी कमी आएगी.


केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?


मंत्री अश्विनी वैष्णव ने योजना की घोषणा करते हुए कहा, "पुराने सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा और डिजिटल आधार पर एक नया तरीका लाया जाएगा... हम इसे एक सामान्य व्यापार पहचान पत्र बनाने की कोशिश करेंगे. इसमें एक एकीकृत पोर्टल होगा, यह पूरी तरह से कागज रहित और ऑनलाइन होगा. शिकायत निवारण सिस्टम पर भी जोर दिया जाएगा."


कैबिनेट ब्रीफिंग के अनुसार, पुराने PAN कार्ड को बिना किसी अतिरिक्त लागत के अपग्रेड किया जाएगा. वर्तमान में देश में 78 करोड़ से अधिक PAN उपयोगकर्ता हैं. यह एक अहम दस्तावेज है, जो कर भुगतान, आयकर रिटर्न और मूल्यांकन से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों को जोड़ने में मदद करता है. इसके माध्यम से सरकार को कर चोरी का पता लगाने में भी मदद मिलती है, साथ ही यह कर आधार का विस्तार करने में सहायक होता है.


यह भी पढ़ें:


Realme GT 7 Pro हुआ लॉन्च, जानें फीचर्स से लेकर कीमत तक की पूरी जानकारी