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Paris Olympics 2024 में दिखा टेक्नोलॉजी का कमाल, पैरालिसिस के बावजूद मशाल लेकर चला एथलीट, जानें कैसे?

Exoskeleton In Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक 2024 में पैरालिसिस से ग्रसित दिव्यांग टेनिस स्टार केविन पिएट ने रोबोटिक एक्सोस्केलेटन की मदद से मशाल लेकर दौड़ लगाई है. चलिए जानते हैं कैसे करता है काम.

Exoskeleton In Paris Olympics : पेरिस में ओलंपिक 2024 का आगाज हो गया है. ये इवेंट 26 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक चलेगा. इस इंवेट की ओपनिंग से पहले पेरिस की सड़कों पर मशाल (टॉर्च) लेकर कई नामचीन खिलाड़ी दौड़ते दिखाई दिए हैं. लेकिन किसी ने सबसे ज्यादा लोगों को अपनी तरफ खींचा है तो वो हैं दिव्यांग टेनिस स्टार केविन पिएट. केविन ने भी पेरिस की सड़कों पर मशाल हाथों में लेकर दौड़ लगाई है. केविन पिएट का मशाल लेकर दौड़ने वाला वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.

असल में केविन पिएट 10 साल पहले एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे, जिसके बाद उनके पूरे शरीर में पैरालिसिस हो गया. इसकी वजह से वो अपनी चलने-फिरने की शक्ति गंवा बैठे. अब आप सोच रहे होंगे की अगर केविन चलने में असमर्थ हैं तो मशाल लेकर कैसे दौड़े. तो आपको बता दें कि केविन ने दौड़ने के लिए रोबोटिक एक्सोस्केलेटन का सहारा लिया था. केविन के इस हौसले को सभी लोग सलाम और तारीफ कर रहे हैं. इस तकनीक का इस्तेमाल केविन पहले भी करते आए है. 

रोबोटिक एक्सोस्केलेटन क्या होता है और कैसै करता है काम

दुनिया में तेजी से टेक्नोलॉजी को लगातार विकसित किया जा रहा है. इसी कड़ी में रोबोटिक एक्सोस्केलेटन भी शामिल है. इस टेक्नोलॉजी में जो लोग चलने-फिरने में असमर्थ हैं एक्सोस्केलेटन उनकी मदद करता है. ये मशीन डिसेबिलिटी को पूरी तरह से खत्म तो नहीं कर सकती है. लेकिन लाचार लोगों को उनके पैरों पर खड़ाकर के आत्म निर्भर बना सकती है. जहां तक केविन पिएट पहले भी एक्सोस्केलेटन का इस्तेमाल कर चुके हैं.  

फ्रांस के पेरिस में हो रहा ओलंपिक 2024 इवेंट में 206 देशों से 10,700 एथलीट शामिल हो रहें है. इसमें 117 भारतीय खिलाड़ी भी शामिल हैं, जो अलग-अलग गेम्स में भारत की तरफ से खेलेंगे. पेरिस ओलंपिक 2024 का समापन समारोह 11 अगस्त को तय किया गया है. 

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