YouTube और ChatGPT से सीखकर बनाते थे नकली Apps, 3,000 लोगों को लगा चुके चूना, पुलिस ने किया भंडाफोड़
झारखंड पुलिस ने एक ऐसे साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो करीब 3,000 मोबाइल यूजर्स से 12 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है. ये ठग यूट्यूब और चैटजीपीटी से सीखकर नकली ऐप्स बनाते थे.

झारखंड पुलिस ने एक ऐसे साइबर क्राइम मॉड्यूल का पता लगाया है, जिसने करीब 3,000 मोबाइल यूजर्स से लगभग 12 करोड़ रुपये की ठगी की है. इस मॉड्यूल को 'डीके बॉस' के छद्म नाम से एक स्कूल ड्रॉपआउट युवा चला रहा था. बताया जा रहा है कि इस पर 500 से अधिक साइबर क्राइम के केस हैं. ये ChatGPT जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से ऐप्स बनाकर छोटे साइबर ठगों को बेचते थे, जो लोगों को ठगने के लिए इनका यूज करते थे.
YouTube से सीखकर बनाते थे ऐप्स
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये साइबर ठग YouTube से सीखकर एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के लिए ऐप्स बनाते थे. ऐप में बग या किसी अन्य कमी का पता लगाने के लिए ये ChatGPT यूज करते थे. फिर इन ऐप्स को 25,000 रुपये प्रति महीने के हिसाब से दूसरे साइबर क्रिमिनल को बेचा जाता था. इसके बाद ये ठग सरकारी सेवाओं के लाभार्थियों और बैंक खाता धारकों के फोन में घुसपैठ कर ठगी को अंजाम देते थे. साइबर क्रिमिनल पंजाब नेशनल बैंक और कैनरा बैंक आदि के नाम पर ऐप्स बनाते थे, जिससे लोगों को जाल में फंसाना आसान हो जाता था. ये लोग सरकारी सेवाओं के नाम पर भी ऐप्स बनाकर लाभार्थियों को चुना लगाते थे.
50 करोड़ से अधिक की ट्रांजेक्शन
पुलिस ने बताया कि इस मॉड्यूल ने 50 करोड़ से अधिक की ट्रांजेक्शन की है. इनमें से 12.6 करोड़ तो साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों के बैंक खातों से निकाले गए थे. इस मॉड्यूल के एक सदस्य की बनाई हुई वेबसाइट से 2,700 पीड़ितों का डेटा भी मिला है. इसमें करीब 2.5 लाख मैसेज हैं, जिनमें WhatsApp और पेमेंट ऐप्स के OTP और बैंकिंग डिटेल्स शामिल हैं. करीब एक महीने की जांच के बाद झारखंड के जमतारा जिले की पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन सभी की उम्र 25 से लेकर 30 साल है.
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