Digital Rupee: आरबीआई आज डिजिटल रुपी लॉन्च करेगा. भारतीय रिजर्व बैंक इस डिजिटल रुपी को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल सेगमेंट में लॉन्च करेगा. कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रुपी को अगले महीने लॉन्च कर सकता है. रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रुपी को चुनिंदा जगहों और क्लोज ग्रुप कस्टमर्स और मर्चेंट के लिए पेश किया जाएगा. इस साल पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार डिजिटल रुपी का जिक्र किया था. वित्त मंत्री ने कहा था, "डिजिटल रुपी को इस वित्त वर्ष में रोल आउट किया जाएगा."


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अक्टूबर को CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को लेकर एक कॉन्सेप्ट नोट पेश किया था, जिसमें डिजिटल रुपी के जल्द लाए जाने का जिक्र किया गया था. हालांकि, अभी सिर्फ पायलट लॉन्च हो रहा है, जिसे चुनिंदा लोगों के लिए रोल आउट किया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक का यह पायलट यूज केस यूजर्स के बीच में डिजिटल रुपी के बारे में अवेयरनेस क्रिएट करेगा, ताकि इस तरह की करेंसी को भविष्य में इस्तेमाल करने में परेशानी का सामना न करना पड़े.


आरबीआई का स्टेटमेंट


आरबीआई ने 31 अक्टूबर 2022 को स्टेटमेंट जारी करके कहा, "पहला पायलट (होलसेल सेग्मेंट) यूज केस ​​वर्नमेंट सिक्योरिटीज के तौर पर सेकेंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन के सेटलमेंट के लिए लाया जा रहा है. इसका यूज इंटर-बैंक मार्केट के लिए प्रभावी हो सकता है. डिजिटल रुपी को भविष्य में इस ​पायलट के आधार पर होलसेल ट्रांजेक्शन, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट आदि के लिए यूज किया जा सकता है."


कैश में करा सकेंगे कन्वर्ट


आरबीआई के मुताबिक, CBDC (डिजिटल रुपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जिसे सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार एवं अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा. इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट करा सकेंगे.


भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि यह डिजिटल करेंसी मार्केट में मौजूद अन्य वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को खत्म कर एक बेहतरीन जगह बना लेगी. बता दें, केंद्र का बैंक Bitcoin जैसे क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी का शुरू से ही विरोध कर रही है.


CBDC (डिजिटल रुपी) के फायदे


आरबीआई ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-W और CBDC-R में डिवाइड किया है. CBDC-W को होलसेल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, वहीं CBDC-R को रिटेल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे. इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट, नॉन-फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस कर पाएंगे. आरबीआई के मुताबिक, डिजिटल रुपी की वजह से भारत की डिजिटल इकोनॉमी में बढ़ोत्तरी होगी. 


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