माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने एक्सल स्प्रिंगर के बर्लिन मुख्यालय में एक इंटरव्यू के दौरान अपने सीईओ बनने के एक्सपीरियंस शेयर किया. उन्होंने बताया कि किस तरह एक सवाल ने उन्हें थोड़े समय के लिए गहरी सोच में डाल दिया था. सत्य नडेला ने कंपनी के फाउंडर बिल गेट्स और माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर के अंडर रहते हुए अपनी सीईओ की जर्नी के लिए रास्ता बनाया और कंपनी में कई प्रोजेक्ट्स को लीड किया. इंटरव्यू में सत्य नडेला ने बताया कि स्टीव बाल्मर का सीईओ पद को छोड़ना उनके लिए एक झटके की तरह था क्योकि उन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि एक दिन स्टीव कंपनी को छोड़ेंगे.


सीईओ की रेस में शामिल थे 4 लोग 


स्टीव बाल्मर के जाने के बाद सत्य नडेला ने बताया कि एकदिन बोर्ड मेंबर्स में से एक शख्स ने उनसे सवाल पूछा कि 'क्या आप सीईओ बनना चाहते हैं?' ("Do you want to be the CEO?). इस सवाल को सुनकर नडेला थोड़े समय के लिए शॉक में चले गए थे. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ये सवाल उनकी जिंदगी को बदलने वाला था और उन्होंने कभी पूर्व में ऐसा नहीं सोचा था कि वे कंपनी के सीईओ बनेंगे. बोर्ड मेंबर के सवाल का जवाब देते हुए सत्य नडेला ने कहा कि मैं तभी सीईओ बनूंगा जब आप चाहेंगे, यानि जब बोर्ड फैसला करेगा तब ही वे कंपनी की कमान संभालेंगे. बोर्ड मेंबर्स ने अपनी आपसी बातचीत के बाद उन्हें कंपनी का नया सीईओ बनाने का फैसला किया.  


सत्य नडेला के अलावा माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की रेस में अन्य 3 लोग भी शामिल थे जिसमें फोर्ड के सीईओ एलन मुल्ली, पूर्व नोकिया सीईओ स्टीफन एलोप, और पूर्व स्काइप अध्यक्ष टोनी बेट्स का नाम शामिल था.     


स्टीव बाल्मर ने दी ये एडवाइस 


सीईओ पद को छोड़ने के बाद स्टीव बाल्मर ने सत्य नडेला को ये एडवाइस दी कि जो भी जिम्मेदारी आपको दी जा रही है उसे आप उसी तरह निभाएं जैसे आप हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आगे के लिए अभी से न सोचे और जो भी आगे हो उसमें वैसे ही एडजस्ट हो जाएं. इन बातों को सुनने के बाद नडेला ने 2014 में अपनी सीईओ जर्नी शुरू की जो अभी तक शानदार चल रही है.


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