स्कैमर्स डी-मार्ट और बिग बास्केट की नकली वेबसाइट से कर रहे ठगी, बचने के ये टिप्स दिमाग में बैठा लें
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक ग्रुप ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए छूट और सस्ती डील के साथ वेबसाइट पर नकली प्रोडक्ट पेश किए. इससे स्कैमर्स ने देश भर में कई लोगों को ठगा है.
Fake Website Scam : क्या आपके पास डी-मार्ट, बिग बास्केट और बिग बाजार के लिए बंपर डिस्काउंट वाले मैसेज आए हैं? अगर हां, तो आपको तुरंत सावधान हो जाने की जरूरत है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि स्कैमर्स ने डी-मार्ट, बिग बास्केट और बिग बाजार के प्रोडक्ट पर बंपर डिस्काउंट वाला नया स्कैम चलाया है. हाल ही में, नोएडा पुलिस ने डी-मार्ट, बिग बास्केट और बिग बाजार के लिए फर्जी वेबसाइट बनाने वाले साइबर चोरों को गिरफ्तार किया है. इन स्कैमर्स ने कथित तौर पर फर्जी वेबसाइट बनाई हैं, जिसपर ये नकली छूट और डील ऑफर कर लोगों को आकर्षित करते हैं. फिर खरीदारी के लिए लोगों से ऑनलाइन पेमेंट करवाकर चूना लगाते हैं.
नकली वेबसाइट वाला स्कैम
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस ग्रुप ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए छूट और सस्ती डील के साथ वेबसाइट पर नकली प्रोडक्ट पेश किए. अब जब लोग इन वेबसाइटों के माध्यम से ऑर्डर कर ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, तो स्कैमर्स खरीदारों के क्रेडिट/डेबिट कार्ड की डिटेल चुरा लेते हैं. इसका इस्तेमाल वे लोगों के बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी से पैसे निकालने के लिए करते हैं. 3 अप्रैल को गौतम बौद्ध नगर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन टीम ने ग्रुप के छह लोगों को गिरफ्तार किया है, हालांकि इस ग्रुप में अन्य लोग भी शामिल हैं या नहीं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन स्कैमर्स ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के साथ देश के कई अन्य हिस्सों से भी लोगों को ठगा है.
नकली वेबसाइटों को कैसे पहचानें?
- स्कैमर्स ने मूल वेबसाइटों के क्लोन बना रखे हैं जो बिल्कुल असली वेबसाइट के जैसे ही दिखते हैं. हालांकि, इन फर्जी वेबसाइटों का पता लगाकर आप खुद को घोटाले का शिकार होने से बचा सकते हैं.
- डोमेन नाम की जांच करें. जालसाज URL नाम को थोड़ा बदल सकते हैं या डोमेन एक्सटेंशन को बदल सकते हैं. उदाहरण के लिए, वे amazon.com के को amaz0n.com या amazon.org में बदल सकते हैं.
- जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो एड्रेस बार में URL के बाईं ओर पैडलॉक देखें. यह पैडलॉक बताता करता है कि साइट एक TLS/SSL प्रमाणपत्र से सुरक्षित है, जो यूजर्स और वेबसाइट के बीच भेजे गए डेटा को एन्क्रिप्ट करता है. अगर वेबसाइट सिक्योर नहीं है, तो एड्रेस बार में डोमेन नाम के बाईं ओर एक विस्मयादिबोधक चिह्न ( ! ) दिखाई देगा.
- नकली वेबसाइटों में स्पेलिंग, ग्रामर और डिज़ाइन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इस तरह की बातों का ध्यान रखें.
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