Skype Cyber Fraud: देश में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आए दिन स्कैमर्स लोगों को ठगने का नया नया तरीका अपना रहे हैं. साइबर फ्रॉड के कई मामलों में Skype यूज करने की भी जानकारी मिली है. लोगों को फंसाने के लिए स्कैमर्स उनसे ये ऐप डाउनलोड करवाते हैं. इसके पीछे की खास वजह भी सामने आई है. आइए, इसके बारे में डिटेल में जानते हैं. 


दरअसल, Skype पर अकाउंट बनाने के लिए ज्यादा जानकारी नहीं देनी पड़ती. स्कैमर्स नकली पहचान और अकाउंट बनाकर लोगों के साथ धोखा करते हैं. इसके लिए ये ग्लोबल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं. स्काइप को दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाता है. ये पूरी तरह फ्री है. इससे स्कैमर्स को बड़ा नेटवर्क मिलता है.


इस ऐप को किसी भी स्मार्टफोन या लैपटॉप में आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. इस ऐप में कई खास फीचर्स भी दिए गए हैं, जिसकी मदद से स्कैमर्स लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. Skype पर यूजर्स को वीडियो कॉल और वॉइस कॉल का ऑप्शन मिलता है. लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स फर्जी वीडियो, बैकग्राउंड एडिट कर के यूज करते हैं. 


फाइल शेयरिंग का होता है गलत इस्तेमाल 


स्कैमर्स Skype के फाइल शेयरिंग फीचर का भी गलत इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल कर स्कैमर्स किसी भी मिसलेनियस फाइल का डेटा चोरी कर सकते हैं. 


स्क्रीन शेयरिंग फीचर का भी उठाते हैं फायदा


स्कैमर्स स्क्रीन शेयरिंग फीचर का इस्तेमाल कर आपके सिस्टम का एक्सेस आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. इतना ही नहीं, स्कैमर्स स्काइप चैट के दौरान गिफ्ट कार्ड या क्रिप्टोकरेंसी जैसे अनट्रेसेबल पेमेंट मांग सकते हैं. वे तुरंत पेमेंट करने के लिए मजबूर भी करते हैं. स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए डिजिटल अरेस्ट या फिर डिजिटल कोर्ट जैसे टर्म इस्तेमाल करते हैं. इसमें Skype के जरिए लोगों की फर्जी पेशी भी होती है.


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