कई बार आपने एक बात गौर की होगी कि जब भी हम कुछ खरीदने का मन बनाते हैं या फिर किसी शख्स को उसके बारे में बताते हैं तो हमारे फोन में उस प्रोडक्ट के एड दिखाई देने लगते हैं. साथ ही हमारे दिमाग में पहला सवाल यही आता है कि क्या हमारा फोन हमारी बातें सुन रहा है. एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी की गई है कि जिन स्मार्टफोन में Built in माइक्रोफोन है उन यूजर्स की 24 घंटे जासूसी हो रही है.
अक्सर ऐसा भी होता है कि उन प्रोडक्ट्स के एड भी सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगते हैं, जिसके बारे में आपने कभी फोन में सर्च भी नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के एड स्मार्ट गैजेट की मदद से दिखाए जा रहे हैं, जो कि आपकी बातें सुनते हैं और फिर विज्ञापन एजेंसियां इसको टारगेट करती हैं.
क्यों होता है ऐसा?
कॉक्स मीडिया ग्रुप की एक रिपोर्ट में इसको लेकर डिटेल में बताया गया है कि ऐसा क्यों होता है. इसके मुताबिक सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं बल्कि जिन टीवी या स्पीकर में भी बिल्टइन माइक्रोफोन है वे भी लोगों की बातें सुन रहे हैं. फोन आपकी बातें सुनते हैं और फिर उसका एक डाटा बैंक तैयार किया जाता है. इस डाटा की वजह से ही आपको रियल टाइम एड दिखाई देने लगते हैं. बिल्टइन माइक्रोफोन की वजह से आपका फोन आपके वीकेंड प्लान से लेकर फ्यूचर प्लान तक आपकी हर बात को सुन रहा होता है.
स्मार्ट टीवी पर वॉयस कमांड के चलते भी ऐसा देखने को मिलता है. यहां वॉयस कमांड से मतलब यह है कि आप बोलकर टीवी पर कुछ भी सर्च कर सकते हैं और ऐसा टीवी पर मौजूद माइक्रोफोन से ही पॉसिबल है. गूगल और एप्पल इसको लेकर दावा कर चुके हैं कि बिना परमिशन के कोई डिवाइस माइक्रोफोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. गूगल ने अपने एक बयान में कहा था कि जब भी किसी डिवाइस के माइक्रोफोन को एक्टिव किया जाता है, तो स्टेटस बार में एक आइकन दिखाई देता है, जिसमें आपकी परमिशन की जरूरत होती है.
एप्पल और गूगल कर चुके हैं ये दावा
इसके अलावा एप्पल ने भी दावा किया कि कोई भी ऐप आपकी अनुमति के बिना iPhone या iPad के माइक्रोफोन या कैमरे तक नहीं पहुंच सकता है. iOS और iPadOS के सभी वर्जन में जब कोई ऐप माइक्रोफोन या कैमरा का उपयोग करता है, तो आपका डिवाइस आपको यह बताने के लिए एक संकेत देता है कि अब इसका यूज किया जा रहा है.
कैसे बच सकते हैं?
एंड्रॉयड यूजर्स सबसे पहले अपने फोन की सेटिंग्स पर जाएं और सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद उन्हें फिर प्राइवेसी ऑप्शन पर जाना है. यहां आपको माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे सेंसर्स की जानकारी मिलेगी. इससे आप पता कर सकते हैं किस ऐप को आपने परमिशन दी है और परमीशन को ब्लॉक या रिमूव कर सकते हैं.
आईओएस में आप सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी ऑप्शन पर क्लिक करें. यहां आपको माइक्रोफोन का लेबल दिखाई देगा. उस पर क्लिक करके आप जिस ऐप में माइक्रोफोन नहीं चाहते हैं, उस पर क्लिक कर रिमूव कर सकते हैं.
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