Smartphone Tips: स्मार्टफोन का हैंग और हीट होना तो लाजमी है पर जब फोन सही से काम नहीं करता, तो हमारे पास दो ऑप्शन होते हैं. फोन को रिस्टार्ट करना या उसे पूरी तरह पावर ऑफ करना. लेकिन सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन सा ऑप्शन बेहतर है? आइए, जानते हैं इसका जवाब.
फोन रिस्टार्ट करना क्यों है फायदेमंद?
फोन को रिस्टार्ट करना एक आसान ऑप्शन है. जब भी आपका फोन धीमा हो जाता है या किसी ऐप में दिक्कत आती है, तो रिस्टार्ट करने से आधी से ज़्यादा प्रॉब्लम सोल्व हो जाती हैं. रिस्टार्ट करने से फोन की मेमोरी रिफ्रेश हो जाती है. जिससे उसकी परफॉर्मेंस बेहतर हो जाती है. फोन के रिस्टार्ट होने से ज़्यादातर सिस्टम प्रॉब्लम ठीक हो जाती हैं. यह छोटी समस्याओं को हल करने का आसान तरीका है.
पावर ऑफ करना क्यों है जरूरी?
फोन को पावर ऑफ करने से उसका पूरा सिस्टम शटडाउन हो जाता है. यह उसके सभी प्रोसेस को बंद कर देता है, जिससे फोन को पूरी तरह से आराम मिलता है. अगर आप लंबे समय के लिए फोन का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो उसे पावर ऑफ करने से बैटरी की खपत नहीं होती. यह लंबे समय के लिए बैटरी को सुरक्षित रखने में मदद करता है. अगर फोन में लंबे समय से कोई दिक्कत आ रही है, तो पावर ऑफ करने से उसे पूरी तरह से रीसेट करने का मौका मिलता है.
कब क्या करें?
अगर फोन धीमा हो गया है या छोटी-मोटी समस्याएं आ रही हैं, तो रिस्टार्ट करना बेहतर है. यह तुरंत समाधान है और समय भी कम लगता है. अगर आप जानते हैं कि कुछ समय तक फोन का यूज़ नहीं करेंगे, तो उसे पावर ऑफ कर दें. यह बैटरी और सिस्टम के लिए बेहतर होता है. इसके अलावा अगर फोन में लगातार दिक्कत आ रही है, तो पावर ऑफ करना और कुछ समय बाद ऑन करना बेहतर है. इससे सिस्टम को पूरी तरह से रीसेट करने का मौका मिलता है.
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