Side Effect of Smartphone use: आजकल अमूमन हर किसी के पास स्मार्टफोन देखने को मिलता है, क्योंकि अब मोबाइल केवल कॉलिंग तक ही सीमित न होकर इससे कहीं ज्यादा काम की चीज बन गया है. बाबजूद इसके, सही यूज का तरीका काफी कम लोगों को ही पता है ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है, कि मोबाइल कई सारी बीमारियों की जड़ बनता जा रहा है. आगे हम इसी से जुडी जानकारियां देने जा रहे हैं, ताकि आप इसके प्रयोग को लेकर सावधानी बरत सकें.


कई बड़ी बीमारियों की वजह बन सकता है स्मार्टफोन


चूंकि मोबाइल वायरलेस होता है और सिग्नल पर जरिये काम करता है. जिससे इसके आसपास रेडिएशन होता है. ये जितना आपके शरीर के पास होगा, आपके शरीर को उतना ज्यादा रेडिएशन झेलना पड़ेगा. इसलिए घर, ऑफिस या कार में चलने पर इसे जितना हो सके शरीर से दूर रखना चाहिए. क्योंकि इससे कैंसर, दिल की बीमारियां, आंखो में परेशानी, नपुंसकता और कानों से कम सुनने जैसी गंभीर बीमारियों के साथ, डीएनए स्ट्रक्चर में भी बदलाव करने की ताकत होती है.


अपने मोबाइल के रेडिशन को करें चेक


भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्पेसिफिक एब्जॉर्प्शन रेट (SAR) के मुताबिक, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी भी स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 W/kg से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा है, तो आपको अपना फोन तुरंत बदल लेना चाहिए. इसे आप अपने फोन में खुद भी चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको उस डिवाइस से *#07# डायल करना होगा.


स्मार्टफोन रेडिएशन से कैसे बचें?


जिस तरह स्मार्टफोन जिंदगी का हिस्सा बन गया है, उसे देखते हुए इससे पूरी तरह बचना तो मुश्किल है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखें, तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. जैसे फ़ोन को चार्जिंग पर लगाकर बात नहीं करनी चाहिए, फोन के सिग्नल ठीक न हों या बैटरी की चार्जिंग कुछ प्रतिशत ही बची हो तब भी इसका प्रयोग न करें. इसके अलावा अगर ज्यादा देर तक बात करनी हो तो, हेडफोन्स लगाकर बात करें. क्योंकि इस समय रेडिएसशन का लेवल काफी हाई होता है.


यह भी पढ़ें - Instagram की पैड ब्लू टिक सर्विस शुरू, इतनी है कीमत... जिन यूजर्स पर पहले से ब्लू टिक है उनका क्या होगा?