बिना इंटनरेट के आप मोबाइल में देख पाएंगे मूवी और लाइव टीवी, D2M टेक्नोलॉजी पर चल रहा काम
D2M Technology: जल्द आप अपने मोबाइल फोन में बिना इंटरनेट कनेक्शन के लाइव टीवी और मूवी का मजा उठा पाएंगे. अगर D2M टेक्नोलॉजी पर सभी हामी भरते हैं तो बाजार में एक नई क्रांति आएगी.
Live TV on Phones without Internet: इंटरनेट हम सभी की जरूरत बन गया है. इसके बिना हमारा फोन मात्र एक डिब्बा है. कई लोग तो ऐसे हैं जो बिना इंटरनेट के रह ही नहीं सकते. यानि उन्हें इंटरनेट और सोशल मीडिया स्क्रोल करने की जबरदस्त आदत लग चुकी है. इस बीच एक खबर ये सामने है कि जल्द आप अपने स्मार्टफोन पर बिना इंटरनेट के भी लाइव टीवी और मूवीज देख पाएंगे. यानि जिन चैनेलों को फिलहाल आप इंटरनेट की मदद से एक्सेस करते हैं वे आप बिना इंटरनेट के फ्री में देख पाएंगे. यानि आपको कोई सब्सक्रिप्शन नहीं लेना है. अगर आप सोच रहे हैं कि ये कैसे होगा तो ये डायरेक्ट-टू-मोबाइल यानी D2M ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी के जरिए संभव होगा.
जिस तरह अभी आप DTH और केबल्स के जरिए अलग-अलग चैनल देख पाते हैं, ठीक इसी तरह आप D2M टेक्नोलॉजी की मदद से बिना नेट के फोन में लाइव टीवी, मूवी और दूसरे मल्टी मीडिया कंटेंट देख पाएंगे. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से अवगत सरकारी अधिकारियों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT), सूचना और प्रसारण मंत्रालय ( MIB ) के साथ-साथ IIT-कानपुर इस टेक्नोलॉजी में काम कर रहे हैं. इस विषय में एक मीटिंग अगले सप्ताह हो सकती है. इस मीटिंग के बाद इस विषय में अंतिम निर्णय भी आ सकता है.
टेलीकॉम कंपनियां जता सकती हैं विरोध
दरअसल, D2M टेक्नोलॉजी का टेलीकॉम कंपनियां विरोध कर सकती है क्योकि इससे उनके डेटा रिचार्ज पर असर पड़ेगा. जब लोग फ्री में लाइव टीवी आदि चीजे देख सकते हैं तो वे डेटा रिचार्ज कम करेंगे और इससे टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का मानना है कि 5G लॉन्च होने के बाद प्रसारण और ब्रॉडबैंड के माध्यम से सामग्री वितरित करने के लिए कन्वर्जेन्स होना चाहिए. वर्तमान में, टीवी की पहुंच लगभग 210-220 मिलियन घरों तक सीमित है जबकि भारत में 800 मिलियन स्मार्टफोन यूजर्स हैं. ये संख्या 2026 तक 1 बिलियन के आस-पास पहुंच सकती है. इसलिए सरकार चाहती है कि मोबाइल में भी चैनलो का प्रसारण हो ताकि जरुरी जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा सके . रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर आने वाला 80% ट्रैफिक वीडियो से है. ऐसे में टीवी के साथ-साथ मोबाइल भी प्रसारण वितरण के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है.
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