Starlink In India: भारत में लॉन्चिंग के लिए तैयार Starlink को स्पेक्ट्रम टैक्स देना पड़ सकता है. जियो, वोडाफोन आइडिया और एयरटेल आदि टेरेस्ट्रियल नेटवर्क वाली कंपनियों के लिए कुछ साल पहले इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन Starlink को इससे राहत मिलती नहीं दिख रही. अगर यह टैक्स लगाया जाता है तो इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा और उन्हें प्लान के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे. बता दें कि Elon Musk की यह कंपनी भारत में अपनी सेवाएं शुरू करना चाह रही है और इसने Airtel और Jio से हाथ मिलाया है.
लाइसेंस फीस से अलग होगा SUC
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक को भारत में एडजस्टेड ग्रोस रेवेन्यू (AGR) का तीन प्रतिशत स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC) देना पड़ सकता है. दरअसल, स्टारलिंक को टेलीकॉम एयरवेव्ज अलॉट की जाएगी. इसके लिए कोई बोली नहीं लगेगी और 2023 में आए कानून के तहत सरकार ही इनका आवंटन करेगी. इसलिए स्टारलिंक को 3 प्रतिशत SUC चुकाना पड़ सकता है. हालांकि, यह कम या ज्यादा भी हो सकता है और अंतिम दरों पर अभी फैसला नहीं हो पाया है. यह 8 प्रतिशत लाइसेंस फीस से अतिरिक्त होगा. ऐसा होने पर ग्राहकों को प्लान के लिए अधिक पैसा चुकाना होगा. अभी तक कंपनी के प्लान की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि स्टारलिंक के प्लान जियो और एयरटेल की तुलना में 10-15 गुना महंगे हो सकते हैं.
TRAI के विचाराधीन है मामला
अभी स्टारलिंक को दिए जाने वाले स्पेक्ट्रम की कीमत, इसकी अवधि और दूसरे टैक्स को लेकर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) विचार कर रही है. TRAI जल्द ही अपनी सिफारिशें दूरसंचार विभाग को सौंप सकती है. दूरसंचार विभाग से यह मामला डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन और फिर कैबिनेट के पास जाएगा.
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देगी स्टारलिंक
स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की शुुरुआत करेगी. भारत में यह सर्विस लॉन्च करने वाली यह पहली कंपनी होगी. कंपनी ने भारत में जियो और एयरटेल के साथ साझेदारी की है. दोनों ही कंपनियां अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर में स्टारलिंक के उपकरण बेचेगी. इसके अलावा नेटवर्क में एक-दूसरे की सर्विसेस को इंटीग्रेट करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है.
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