Elon Musk की कंपनी स्टारलिंक तेजी से अपना पैर पसार रही है. स्टारलिंक ने एक और देश में एंट्री ले ली है. इससे सैटेलाइट कम्युनिकेशन को बढ़ावा मिलने वाला है. सिएरा लियोन में भी स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन की एंट्री हो गई है. हालांकि, कई देशों में ये कंपनी संघर्ष कर रही है और ये रास्ता आसान नहीं है. एलन मस्क की कंपनी इस ओर लगातार काम कर रही है.
दुनिया में 100 ऐसे देश हो गए हैं जहां सैटेलाइट नेटवर्क की शुरुआत हो चुकी है. भारत में इसको लेकर रास्ता साफ नहीं हो पाया है. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत सारे नियम एलन मस्क का मानना पड़ेगा. भारत में इसको लेकर स्पेक्ट्रम भी उपलब्ध नहीं हो रहा है. यही वजह है कि यहां सर्विस शुरू नहीं हो रही है. इसके अलावा भी भारत में स्टारलिंक के अन्य चुनौतियां हैं. कई जगहों पर इससे छुटकारा पाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
रेगुलेटरी नॉर्म्स को पार करना मस्क के लिए बड़ी चुनौती
रेगुलेटरी नॉर्म्स को पार करना भी एलन मस्क के लिए चुनौती है. वह अलग अलग देशों में इसके लिए काम कर रहे हैं. लेकिन 100 देशों में स्टारलिंक के पहुंचने से ये साफ हो गया है कि डार्क जोन में लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट मिलने वाला है. स्टारलिंक की तरफ से इसके लिए लगातार काम किया जा रहा है. विकसित देशों में स्टारलिंक के प्लान थोड़े महंगे लग रहे हैं. वहीं, ग्रामीण इलाकों में भी ऐसा देखने को मिल रहा है. महंगा होने की वजह से लोग प्लान में खासी इच्छा नहीं रख रहे हैं. कई जगहों पर इससे छुटकारा पाने की कोशिश की जा रही है और एलन मस्क की कंपनी इस ओर तेजी से काम कर रही है.
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