Sundar Pichai : सुंदर पिचाई के जन्मदिन के अवसर पर एक घटना ताजी हो गई है. साल 2015 में जब वो भारत आए थे, तो दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में छात्रों के साथ संवाद किया था. छात्रों के साथ सुंदर पिचाई का ये संवाद आज भी कई लोग याद करते हैं. छात्रों और सुंदर पिचाई के बीच का संवाद काफी शानदार रहा था. सुंदर पिचाई ने छात्रों के सवालों में काफी दिलचस्पी दिखाई थी और सभी सवालों का जवाब काफी हंसते और मुस्कुराते हुए अंदाज में दिया था. जब ये संवाद चल रहा था, तब उन्होंने बताया था की अगर वो गूगल के सीईओ नहीं होते, तो फुटबॉल या क्रिकेट में जरूर करियर बनाते. इस दौरान जब छात्रों ने यह सवाल किया.
एंड्रॉयड वर्जन के नाम भारतीय मिठाइयों के नाम पर क्यों नहीं होते?
इस सवाल का उत्तर देते समय सुंदर पिचाई काफी हंसने लगे. हंसते हुए उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर भारतीय लोग इस पर वोट देते हैं, तो अगले एंड्रॉयड वर्जन का नाम जरूर भारतीय मिठाइयों के नाम पर होगा.
इस हंसी मजाक के बीच ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें भी कहीं. उन्होंने कहा, "भारत में छात्रों के भीतर रचनात्मकता को बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा उनमें रिस्क टेकिंग कैपेसिटी को भी बढ़ाया जाना चाहिए."
सुंदर पिचाई ने 2015 के इस कार्यक्रम में गूगल के कई खास प्रोग्राम्स के बारे में भी बताया.
कौन हैं सुंदर पिचाई?
सुंदर पिचाई दुनिया की सबसे दिग्गज टेक जायंट कंपनी गूगल के सीईओ है. सुंदर पिचाई का जन्म 10 जून 1972 को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था. सुंदर पिचाई ने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है. उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था. अमेरिका में सुंदर ने एमएस की पढ़ाई स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और व्हार्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. पिचाई को पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से जाना जाता था. सुंदर पिचाई ने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था. उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर थे. सुंदर सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एंड्रॉयड, क्रोम और ऐप्स डिवीजन) रह चुके हैं. एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लांच हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है.