बैंक KYC, पैन कार्ड अपडेट, पैसा डबल के नाम पर हर साल होता है 1600 करोड़ का नुकसान, इस टेक्नोलॉजी से होगा बचाव
GASA की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल 120 मिलियन से ज्यादा ऑनलाइन स्कैम रिपोर्ट किए जाते हैं और लगभग 16 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है.
इंटरनेट क्या आया मानों स्कैम्स की बाढ़ आ गई. आज फ्रॉड करने वाले लोग लोगों को अलग-अलग तरीके से अपने जाल में फंसाते हैं और उनके मेहनत का पैसा उड़ा ले जाते हैं. आपको बैंक केवाईसी, पैन कार्ड अपडेट, आधार और न जाने कितने तरह से इस जाल में फसाया जाता है. ग्लोबल एनटी स्कैम अलायंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन स्कैन एक प्रमुख फ्रॉड का तरीका है जिससे भारत में हर साल 16 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है. करीब 120 मिलियन ऑनलाइन स्कैम हर साल भारत में दर्ज किए जाते हैं. इस आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस बड़े लेवल पर आज फिशिंग या अन्य तरह के स्कैम के जरिए लोगों को टारगेट किया जा रहा है.
लेकिन अब इस फिशिंग और ऑनलाइन स्कैम के जाल को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए Tanla एक anti-phishing एआई प्लेटफॉर्म लेकर आया है जिसकी एक्यूरेसी लगभग 99% है. कंपनी ने AI प्लेटफार्म को मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस जोकि बार्सिलोना में आयोजित हुआ था वहां पेश किया था. फिलहाल इस प्लेटफार्म का ट्रायल VI के नेटवर्क पर किया जा रहा है. इस प्लेटफार्म को न सिर्फ मोबाइल ऑपरेटर से कनेक्ट किया जा रहा है बल्कि गूगल, वॉट्सऐप जैसे तमाम प्लेटफार्म से भी जोड़ा जा रहा है ताकि लोगों के पास फिशिंग के मैसेज किसी भी तरह से न पहुंच पाए.
All set to launch Wisely ATP - the biggest innovation coming out of Tanla in our 23 years of existence!
— Uday Reddy (@udaydasari) February 27, 2023">
The revolutionary solution is finally here! Watch this space to know more. pic.twitter.com/9n8ehPuBgF
— Tanla Platforms Limited (@Tanla_India) January 25, 2023">
कैसे काम करता है ये प्लेटफार्म?
दरअसल, anti-phishing प्लेटफॉर्म एक एआई पॉवर्ड टूल है जो मैसेज को सेकंड्स में आईडेंटिफाई करता है कि इसमें स्कैम से जुड़ा कोई संदेश तो नहीं है. अगर ऐसा कुछ मैसेज में पाया जाता है तो तुरंत ये प्लेटफॉर्म मैसेज को रिसीवर तक पहुंचने से पहले ब्लॉक कर देता है. साथ ही अन्य प्लेटफार्म जैसे कि बैंक ओटीटी ऐप्स आदि को इस बात की जानकारी दे देता है कि ये मैसेज फ्रॉड से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा ये प्लेटफार्म सेंडर की जानकारी कंपनियों को भेज देता है ताकि अगली बार वो फ्रॉड किसी अन्य व्यक्ति के साथ न कर पाए. ध्यान दें, ये प्लेटफार्म आपके किसी भी मैसेज पर नजर या उसे स्टोर नहीं करता है और ये जीडीपीआर (General Data Protection Regulation ) के रेगुलेशन को भी फॉलो करता है.
सरल भाषा में बस आप इतना समझ लीजिए कि ये एआई प्लेटफॉर्म फ्रॉड और स्कैम से जुड़े मैसेज को तुरंत प्रभाव से रोकता है और आप तक नहीं पहुंचने देता जिससे फ्रॉड न हो सके. फिलहाल ये प्लेटफार्म टेक्स्ट मैसेज को ही एनालाइज कर सकता है. Tanla वॉइसकॉल के लिए भी ऐसा ही प्लेटफार्म बना रही है जो आने वाले समय में पेश होगा. दरअसल, आजकल न सिर्फ टेक्स्ट मैसेज के जरिए बल्कि वॉइसकॉल के जरिए भी लोगों को फ्रॉड का शिकार बनाया जा रहा है. इसलिए कंपनी इसपर भी काम कर रही है.
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