लॉकडाउन में टेक्नोलॉजी ने दिखाई अपनी ताकत, वर्क फॉर्म होम से लेकर एजुकेशन में हुए बदलाव
टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल इसके बड़े फायदे देता है लेकिन इसका गलत इस्तेमाल आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है. लॉकडाउन में टेक्नोलॉजी ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. पहले जहां कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की इजाज़त नहीं देती थी आज वहीं कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की वजह से चल रही हैं. ऑफिस ही नहीं स्कूल/कॉलेज वाले भी पढ़ाई ऑनलाइन करवा रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते देश में लगे लॉकडाउन की वजह से हर किसी के जीवन में कई बदलाव देखने को मिले हैं. पहले जहां कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की इजाज़त नहीं देती थी आज वहीं कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की वजह से चल रही हैं. ऑफिस ही नहीं स्कूल/कॉलेज वाले भी पढ़ाई ऑनलाइन करवा रहे हैं, और यह सब कुछ संभव हो पाया है टेक्नोलॉजी की वजह से.
डेटा का सही इस्तेमाल
जिओ के आने से इंटरनेट डेटा सस्ता हुआ, जिसका सही मायनों में अब फायदा हो रहा हैं, जिओ के बाद वोडाफोन, BSNL, और एयरटेल को भी सेवायें सस्ती करनी पड़ी.लॉकडाउन से पहले ज्यादातर लोग अपने इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए किये करते थे, लेकिन अब ज्यादातर लोग इसे अपने कामों में लगा रहे हैं.
टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस्ड होती जा रही है, कि घर से ही आप अपने कंप्यूटर पर कई लोगों से एक साथ बात करके अपने ऑफिस का काम ठीक वैसे ही कर पा रहे हैं जैसे ऑफिस में करते हैं. whatsapp पर ऑफिस तक खुल गये हैं. लोगों का काम आसान बन गया है.
जिस तरह से टेक्नोलॉजी एडवांस्ड होती जा रही है, वर्क फ्रॉम होम का महत्व अब लोगों को समझ आ रहा है, उसे देखने हुए कहा जा रहा है कि भारत में भी वर्क फ्रॉम होम कल्चर रेगुलर शुरू होगा, अब इसके कई फायदे हो सकते हैं, लोगों का ऑफिस जाने का समय और पैसा बचेगा, ऑफिस उतने बड़े नहीं होंगे जितने अब होते हैं, इंटरनेट, चाय-कॉफ़ी समेत स्पेस का भी खर्चा बचेगा.
एजुकेशन अब हो गई ऑनलाइन
ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल, इंडिया के डायरेक्टर- ऑपरेशन्स राजीव बंसल ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता और इसे प्रदान करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के अभिनव प्रयोग के चलते शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आया है. शिक्षा प्रदान करने के एक आवश्यक तत्व संवाद को ऑनलाइन उपलब्ध साधनों ने बहुत आसान बना दिया है! शिक्षा वास्तव में में अधिक अध्यन केंद्रित हो गयी है.
ऑनलाइन कक्षा में, शिक्षकों द्वारा छात्रों की कम्युनिटी बनाई जा सकती है, उन्हें प्रोजेक्ट्स दिये जा सकते हैं और स्टूडेंट्स अपने सवालों का जवाब पा सकते हैं और ये सब कुछ रियल-टाइम में होता है. शिक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग का एक अहम् लाभ यह भी है कि इससे स्टूडेंट्स अपनी सुविधानुसार स्टडी कर पाते हैं.
परंपरागत तरीके से चलने वाली क्लासेज में, यदि किसी स्टूडेंट को कोई कंसेप्ट समझ नहीं आता, तो वह इसे छोड़ देता है. लेकिन अध्यन की प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्टूडेंट्स को सभी कॉन्सेप्ट को पूरी तरह से समझ पाने में मदद मिलती है.
टेक्नोलॉजी अब सबकी पहुंच में
एक ज़माना था जब स्मार्टफोन होना बड़ी बात होती थी, लेकिन अब घर में सबसे पास स्मार्टफोन है, इंटरनेट फ्री है, रोजाना इतना डेटा मिलता है कि ख़तम नहीं होता. आज एक क्लिक पर गूगल आपको जानकारी दे देता है. एक क्लिक पर आप पूरी बुक डाउनलोड कर सकते हो. स्टूडेंट अपना होमवर्क और असाइनमेंट ऑनलाइन आसानी से कर सकते हैं जिस तरह से कोरोना वायरस का कहर अभी बरकरार है उसे देखने हुए ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ लोगों का झुकाव होगा
समय और पैसे की बचत
टेक्नोलॉजी अब सस्ती हो रही है. आप घर बैठे-बैठे शॉपिंग कर सकते हैं, शॉप पर जाने की जरूर नहीं, कपड़ों से लेकर खाने पीने की चीजें एक क्लिक पर आपको आसानी से मिल जाती हैं, इससे आपका समय और आने-जाने का किराया तक बच जाता है, और यह सब कुछ सम्भव हो पा रहा है सिर्फ टेक्नोलॉजी की वजह से.
टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल कई तरह के फायदे देता है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल हमें काफी नुकसान भी पहुंचा सकता है. अब यह आपको तय करना है कि आपको क्या चाहिये.
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