अब डेटा यूज के लिए चुकानी पड़ सकती है ज्यादा रकम, जानें क्या है वजह
टेलीकॉम कंपनियां एक बार अपने टैरिफ में इजाफा कर सकती हैं, जिसके बाद आपको डेटा पैक के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे. पिछले साल भी कंपनियों ने अपने टैरिफ के दाम बढ़ाए थे.
मोबाइल यूजर्स को एक बार फिर से झटका लग सकता है. कुछ समय बाद आपको अपने डेटा और कॉलिंग के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं क्योंकि टेलीकॉम कंपनियां अपने टैरिफ में इजाफा करने जा रही हैं. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से ये कीमतें बढ़ सकती हैं. दरअसल कंपनियां रेवेन्यू बढ़ाने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी कर रही हैं. इससे पहले पिछले साल भी कंपनियों ने इसके दाम बढ़ाए थे.
11 से 13 फीसदी की हो सकती है ग्रोथ रिपोर्ट की मानें तो टैरिफ में इजाफा और यूजर्स का 2G से 4G में आने के चलते ARPU यानी एवरेज रेवेन्यू पर यूजर में सुधार की संभावना है. यह 220 रुपये के आस-पास हो सकता है. आने वाले दो साल में इंडस्टी का रेवेन्यू 11 से 13 फीसदी और वित्त वर्ष 2022 में आपरेटिंग मार्जिन 38 फीसदी तक बढ़ सकता है. ICRA के मुताबिक सेक्टर इनफ्लेशन पॉइंट की ओर बढ़ रहा है, जहां ग्रोथ का अगला फेज नॉन-टेल्को व्यवसायों द्वारा संचालित किया जाएगा. इसमें एंटरप्राइज बिजनेस, क्लाउड सर्विसेज, डिजिटल सर्विसेज और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज शामिल हैं.
बढ़ा डेटा का यूज ICRA की मानें तो कैश फ्लो जेनरेशन में सुधार और केपीटल एक्सपेंसेस में कमी से नियमित आपरेशन के लिए बाहरी कर्ज की जरूरत कम होगी. हालांकि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) देनदारियों के अलावा कर्ज और अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी की वजह से टेलीकॉम कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा. आने वाले समय में 5G नेटवर्क का बड़ा रोल होगा. कोरोना के चलते जहां ज्यादातर इंडस्ट्री को इस महामारी की मार झेलनी पड़ी है, वहीं टेलीकॉम इंडस्ट्री को फायदा हुआ है. लॉकडाउन में और उसके बाद यूजर्स के डेटा कंज्यूम करने में इजाफा हुआ है.
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