5G Spectrum Auction: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) हमेशा से सत्ता का केंद्र रहा है, लेकिन 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में भी उत्तर प्रदेश बड़ा हॉटस्पॉट बनकर उभरा है. खास तौर पर पूर्वी यूपी रीजन में टेलिकॉम कंपनियों के बीच 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने को लेकर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियां है. ऐसे में दोनों कंपनियां ज्यादा से ज्यादा 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इन दोनों कंपनियों के बीच रविवार (31 जुलाई 2022) को उस वक्त जोरदार मुकाबला देखने को मिला, जब पूर्वी यूपी के लिए 5G स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए बोली लगाई जा रही थी.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) दोनों कंपनियां पूर्वी यूपी में 5G स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहती हैं. आइए इस सवाल के जवाब को विस्तार से जानते हैं.
26 जुलाई से जारी है 5G स्पेक्ट्रम नीलामी
भारत में 5G स्पेक्ट्रम आवंटन बोली लगाने का सिलसिला 26 जुलाई 2022 से जारी है. बीते दिनों में अलग-अलग जोन के लिए बोली लगाई गई. हालांकि बीते रविवार को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1,50,130 करोड़ की बोलियां लगी. इसमें 163 करोड़ की बढ़ोतरी देखने को मिली है. यूपी ईस्ट सर्कल में 1800 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम पाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है.
टेलिकॉम कंपनियां यूपी में हासिल करना चाहती हैं 5G स्पेक्ट्रम
सभी टेलिकॉम कंपनियां यूपी में 5G स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहती हैं. जिन इलाकों के लिए 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए टेलिकॉम कंपनियां सबसे आगे दिखाई दे रही हैं, उसमें यूपी ईस्ट सर्कल के लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर व कानुपर रीजन का नाम शामिल है. दरअसल इन सभी रीजन में काफी अधिक संख्या में यूजर्स हैं. ऐसे में हर टेलिकॉम कंपनी इस रीजन के लिए 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने में आगे रहना चाहती है. बता दें कि यूपी ईस्ट में 10 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं. जियो के यूपी ईस्ट में 3.29 करोड़, एयरटेल के 3.7 करोड़ और वीआइ के 2.02 करोड़ यूजर्स हैं.
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