International Fraud Calls से लोगों को मिलेगी राहत, नए सिस्टम पर काम कर रही सरकार
International Fraud Calls: लोगों को अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के जरिए हो रहे फ्रॉड से बचाने के लिए टेलीकॉम विभाग ने अपनी कमर कस ली है. आइए जानते हैं कि सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाएं हैं.
PSIICS System: साइबर अपराधी फ्रॉड कॉल्स के जरिए लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स लोगों को International Calls करके अपनी बातों के जाल में फसाकर लोगों से जरुरी जानकारी हासिल कर लेते हैं और इसके बाद आराम से लोगों के बैंक अकाउंट पर हाथ साफ कर देते हैं.
कभी-कभी साइबर क्रिमिनल्सी के शिकार हुए लोगों को तो ये समझने में ही समय लग जाता है कि उनके साथ आखिर हुआ क्या है. ऐसी फ्रॉड कॉल्स के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने कमर कस ली है.
सरकार ऐसी अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए एक नया सिस्टम बनाने की तैयारी कर रही है. ये सिस्टम लोगों को अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के जरिए होने वाले फ्रॉड से बचाने में मदद करेगा.
कौन-से सिस्टम पर काम कर रही है सरकार
International Calls के जरिए हो रहे फ्रॉड को रोकने के लिए टेलीकॉम विभाग PSIICS (Prevention of Spoofed Incoming International Call System) पर काम करना शुरू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक इस सिस्टम को बनाने में करीब 50 करोड़ रुपये खर्च आएगा. फिलहाल, ये बात साफ नहीं हुई है कि इस सिस्टम को बनने में कितना समय लग जाएगा, लेकिन सिस्टम तैयार होने के बाद फ्रॉड कॉल्स से लोगों को राहत मिल सकेगी.
फ्रॉड कॉल्स से कैसे बचें
अगर आप लोगों के पास किसी भी अंजान नंबर से कॉल आते हैं, तो जब तक बहुत जरूरी न हो उस कॉल को न उठाएं. अगर अंजाने में उठा भी लेते हैं तो भुलकर भी अपनी पर्सनल या बैंक डिटेल्स किसी के भी साथ शेयर न करें. साइबर क्रिमिनल्स लोगों को जाल में फंसाने के लिए ऑफर और लॉटरी का झांसा देते हैं. ऐसे झासों से बचकर रहें.
असल में ये साइबर क्रिमिनल्स पाकिस्तान और कंबोडिया में बैठकर सरकारी संस्थानों का नाम लेकर लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं. नॉर्मल कॉल्स के साथ व्हाट्सऐप पर भी लोगों को इंटरनेशनल नंबर से फर्जी कॉल्स आ रही हैं, जहां पर उन्हें पार्ट टाइम जॉब देकर जाल में फंसाया जा रहा है.
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