अब सरहद पर रहने वालो को भी मिलेगी अच्छी मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी, इस पॉलिसी में हुआ बदलाव
अब भारत की विभिन्न टेलीकॉम कंपनियां बॉर्डर के आस-पास रहने वाले लोगों को भी नेटवर्क कनेक्टिविटी की सुविधा दे सकती है. सरकार के टेलीकॉम मंत्रालय ने इसके लिए (UASL) की शर्तों में संशोधन किया है.
Telecom Service On Border: भारत के बॉर्डर एरिया में रहने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. अब भारत की सीमाओं पर रहने वाले लोग भी टेलीकॉम सर्विस की सुविधा का आनंद ले पाएंगे. अब लेह, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे बॉर्डर एरिया में भी टेलीकॉम कंपनियों को सर्विस शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है. टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब भारत की विभिन्न टेलीकॉम कंपनियां बॉर्डर के आस-पास रहने वाले लोगों को भी नेटवर्क कनेक्टिविटी की सुविधा दे सकती है. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
सरकार ने नियम में किया बदलाव
भारत सरकार ने इसके लिए पहले से लागू कठोर शर्तों वाले नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. दूरसंचार विभाग ने नियमों में जरूरी बदलाव करने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक वाले इलाकों में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (Telecom Service Providers) को सिम कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की मंजूरी दे दी है.
UASL की शर्तों में किया गया संशोधन
टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब भारत की विभिन्न टेलीकॉम कंपनियां बॉर्डर के आस-पास रहने वाले लोगों को भी नेटवर्क कनेक्टिविटी की सुविधा दे सकती है. सरकार के टेलीकॉम मंत्रालय ने इसके लिए Unified Access Services License Agreement (UASL) की शर्तों में संशोधन किया है. इस संशोधन के बाद अब भारत की तमाम कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल लेह, लद्दाख, जम्मू, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, उत्तराखंड, और राजस्थान के बॉर्डर एरिया में भी अपना नेटवर्क शुरू कर सकेंगे. इससे बॉर्डर में रहने वाले यूजर्स को काफी सुविधा मिलेगी. पहले इन यूजर्स को नेटवर्क के लिए मशक्कय करनी पड़ती थी.
आर्मी से मंजूरी लेना जरूरी नहीं
भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर टेलीकॉम सेवा शुरू करने के लिए पहले आर्मी की मंजूरी और उनके द्वारा रिव्यू लेना जरूरी था, लेकिन अब इन शर्तों को भारतीय सरकार ने हटा दिया है. अब टेलीकॉम कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपना नेटवर्क शुरू करने के लिए आर्मी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है. ऐसे में अगर आप बांग्लादेश, चीन या पाकिस्तान के बॉर्डर वाले एरिया में रहते हैं, तो अब आप भी जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल के प्रीपेड सिम का इस्तेमाल कर पाएंगे.
आपको बता दें कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स को पुराने नियमों के अनुसार, बॉर्डर एयिरा में टेलीकॉम सर्विस शुरू करने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि बेस स्टेशन, सेल साइट या रेडियो ट्रांसमीटर बॉर्डर से उतनी ही दूरी पर हो, जितना ही सिग्नल रहा करता था. पुराने नियमों के अनुसार, बेस स्टेशन, सेल साइट्स या रेडियो ट्रांसमीटर्स लगाने से पहले आर्मी से मंजूरी लेना जरूरी होता था.
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