Facebook, Twitter, Instagram, WhatsApp की मनमानी पर सरकार लगाएगी रोक, जानें पूरी खबर !
IT Rules 2021 में बदलाव किया जाएगा, जिसके बाद अगर कोई यूजर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संबंधित कोई शिकायत करता है तो उसको 24 घंटों के अंदर एकनॉलेज करना होगा .
Social Media Platforms : कई सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं जिसके तहत जल्द ही IT Rules 2022 लागू होने वाला है. इसके अंतर्गत फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया यूजर्स की शिकायत सुनने के लिए अपीलेट कमिटी बनाए जाने का प्रावधान है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार उपयोगकर्ताओं की सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतों को सॉल्व करने के लिए यह अपीलेट कमिटी गठित करने जा रही है. यह कमिटी यूजर्स के कंटेंट के साथ साथ अन्य मामलों को लेकर किए जाने वाली शिकायतों को सॉल्व करेगी. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं..
तीन सदस्यों वाली अपीलेट कमिटी होगी गठित
तीन सदस्यों वाली अपीलेट कमिटी का गठन पिछले साल आए डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड यानी IT Rules 2021 में चेंजेज और इम्प्रूव करके किया जाएगा. IT Rules 2021 में किया जाने वाले इस बदलाव के बाद अगर कोई यूजर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संबंधित कोई शिकायत करता है तो उसको 24 घंटों के अंदर एकनॉलेज करना होगा और साथ ही प्रॉबलम का सॉल्यूशन 15 दिनों में करना होगा. जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल लागू हुए IT Rules 2021 के अनुसार, मेटा और ट्विटर ने यूजर्स की शिकायतों के सॉल्यूशन के लिए सेल्फ रेगूलेटेड ग्रीवांस अपीलेट फ्रेमवर्क तैयार किया है. MeitY अब इसी फ्रेमवर्क में इम्प्रूवमेंट करके तीन सदस्यों वाली ग्रीवांस अपीलेट कमिटी गठित करने की तैयारी में है.
यूजर्स इन मुद्दों की शिकायत कर सकेंगे
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फैलाए जाने वाले कई कंटेंट जैसे यूजर चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मटीरियल से लेकर न्यूडिटी, अफवाह या फर्जी जानकारी, कंटेंट के द्वारा किसी को धमकी, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का उल्लंघन, भारत की एकता और अखंडता प्रभावित करने वाले पोस्ट आदि के संबंध में शिकायत कर सकेंगे. यूजर्स की शिकायतों पर सोशल मीडिया कंपनियों के ग्रीवांस ऑफिसर द्वारा लिए गए ऐक्शन से अगर कोई उपयोगकर्ता संतुष्ट नहीं होता है तो वह यूजर अपीलेट कमिटी के पास 30 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट फाइल कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, नियमों में किए जाने वाले इस बदलाव के बाद शिकायतों के सॉल्यूशन के लिए एक या कई पैनल गठित किए जा सकते हैं.
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