कई लोग अपने तकिये के बराबर में स्मार्टफोन रखकर सोते हैं. ऐसा अधिकतर वे लोग करते हैं, जो बिस्तर पर लेटे हुए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं या देर रात तक स्मार्टफोन चलाते हैं. इन लोगों के लिए तो बिस्तर के पास चार्जिंग पोर्ट होना किसी वरदान से कम नहीं होता है. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सोने से पहले फोन का इस्तेमाल करना नुकसानदायक है. इससे अच्छी नींद नहीं आती है, लेकिन इसे अपने सिर के पास रखकर सोना कितना सही है? क्या फोन पास में होने से हम पर कोई असर पड़ता है? आज की इस खबर में हम इसी बारे में डिटेल में जानेंगे.


अगर बीच रात में आंख खुल जाए


कई दफा यह देखा गया है कि जब लोग फोन पास रखकर सोते हैं, और बीच में उनकी आंख खुल जाती है तो फोन नींद खराब करने की वजह बन जाता है. दरअसल, ज्यादातर लोग रात भर में कई बार जागते हैं. ऐसे में, जब वे फिर से सोने की कोशिश करते हैं तो उनका मन फोन चलाने का करता है. फिर सोशल मीडिया स्क्रॉल में काफी समय बर्बाद हो जाता है. फोन की रोशनी आपके मस्तिष्क और शरीर को संकेत देती है कि सोने का समय समाप्त हो गया है. इससे आपकी नींद गायब हो जाती है.


क्या कोई हेल्थ इश्यू भी होता है?


अब सवाल फोन को बराबर में रखकर सोने से हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़ा हुआ है. इलेक्ट्रॉनिक्स से निकलने वाले रेडिएशन को लेकर लोग लंबे समय से परेशान हैं. क्या इन चिंताओं में कोई सच्चाई है? एंटीना के एक नेटवर्क के माध्यम से रेडियो तरंगों को प्रसारित करके स्मार्टफोन कम्युनिकेशन के काम को आसान बनाता है. ये रेडियो तरंगें, जिन्हें  रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगें भी कहा जाता है वास्तव में एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र हैं. स्मार्टफोन को पास में रखने को लेकर NTP ने एक अध्ययन किया है. यूएस नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम (एनटीपी) ने 2018 और हालिया अध्ययन के रिजल्ट प्रकाशित किए. उन्होंने नर चूहों में असामान्य हृदय ट्यूमर का जोखिम पाया है, लेकिन मादा चूहों में नहीं. NTP के अध्ययन ने दिमाग में भी कुछ प्रकार के ट्यूमर के जोखिमों की भी सूचना दी.


पास रखकर सोए या नहीं?


इससे पहले हुए अध्ययन में ऐसा कुछ सामने नहीं आया था. अध्ययन को लेकर लंबे स्तर पर वाद -विवाद हुआ. दुर्भाग्य से, साइंटिस्ट फाइनल रिजल्ट पर नहीं पहुंच सके हैं. इससे फोन को बगल में रखकर सोने के प्रभावों के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है. हालांकि यह जरूर स्पष्ट है कि इसका कोई फायदा तो जरूर नहीं है. एक रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि मोबाइल फोन से हानिकारक रेडिएशन निकलती है, जो आपके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है. इससे सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. हमारा यह मानना है कि आप पूरे दिन अपने फोन के पास रहते हैं, तो क्यों न इसे रात में कुछ स्पेस दे दिया जाए? बिस्तर पर अपने फोन को अपने बगल में रखकर सोने से कोई फायदा तो है ही नहीं लेकिन हां नुकसान जरूर है. ऐसे में, इसे दूर रखकर सोना ही बेहतर है. 


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