अमेरिका: TikTok ने बैन को लेकर ट्रंप प्रशासन पर किया केस, प्रतिबंध को बताया चुनावी समझौता
टिक टॉक ने सफाई में कहा है कि ये अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है. वहीं चीन ने टिक टॉक बैन पर कहा है कि ट्रंप सिर्फ राजनीतिक हेरफेर के लिए ऐसा कर रहे हैं.
नई दिल्ली: टिक टॉक ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर संयुक्त राज्य अमेरिका में पॉपुलर शॉर्ट-फॉर्म वीडियो-शेयरिंग ऐप के साथ लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने के अपने कार्यकारी आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया. टिकटोक और उसकी पेरेंट कंपनी बाइट डांस लिमिटेड ने व्हाइट हाउस की उस बात को नकार दिया यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने "टिकटोक के यू.एस. यूजर्स के डेटा प्राइवेसी और सेफ्टी के लिए असाधारण उपाय किए थे."
'मुकदमा करने के अलावा विकल्प नहीं' उन्होंने टिकटॉक के लिए 6 अगस्त के कार्यकारी आदेश में ट्रम्प के आह्वान को भी कथित रूप से अपने कथित "चीन विरोधी बयानबाजी के व्यापक अभियान" के रूप में नवंबर 3 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से आगे बताया, जहां ट्रम्प एक दूसरा कार्यकाल चाह रहे हैं. टिकोटोक ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "हम सरकार पर हल्के में मुकदमा नहीं करते हैं, "लेकिन कार्यकारी आदेश के साथ हमारे अमेरिकी अभियानों पर प्रतिबंध लाने की धमकी दी गई ... हमारे पास बस कोई विकल्प नहीं है."
'यूजर्स की सेफ्टी के लिए उठाए असाधारण कदम' टिक टॉक ने कहा है कि उसने टिक टॉक के अमेरिकी यूजर डाटा की प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए असाधारण कदम उठाए हैं. यह भी कहा है कि प्रशासन ने उसकी चिंताओं को दूर करने के लिए उसके द्वारा किए गए विस्तृत प्रयासों को नजरअंदाज किया है. उसने ट्रंप पर छह अगस्त के कार्यकारी आदेश में टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाकर विवाद को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है. टिक टॉक ने इस बैन को एक चुनावी समझौता बताया है.
ये भी पढ़ें
टिकटॉक को बैन करने वाले ट्रम्प प्रशासन के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर खिलाफ सोमवार को केस दायर करेगी बाइटडांस जानें- 149 रुपये में Jio-Vodafone-Airtel में से किसका प्लान है बेहतर?