शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक का कहना है कि उसने अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें ट्रंप प्रशासन के आदेश को गुरुवार को प्रभावी करने के लिए चुनौती दी गई है. इससे पहले पेन्सिलवेनिया में एक संघीय जज ने सरकार के उन प्रतिबंधों को रोक दिया था, जो 12 नवंबर से प्रभावी रूप से इस एप को बंद कर देते. यह आदेश उस केस के बाद आया है जो टिकटॉक बनाने वालों ने इस प्रतिबंध के खिलाफ लगाया था.





जज ने दिया ये आदेश
जज ने अपने आदेश में लिखा था, टिकटॉक पर बनाए गए शॉर्ट वीडियो अभिव्यक्ति करने वाले और सूचनात्मक हैं और न्यूज वायर फीड से जुड़ी अभिव्यक्ति इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक्स पावर एक्ट के तहत आती हैं. वहीं टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि समुदाय से मिले समर्थन के कारण हम काफी आगे बढ़े हैं, जिन्होंने अपने अभिव्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करने, अपने करियर के लिए और छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए विशेष रूप से महामारी के दौरान काम किया है.


'लगातार सुविधा देने के लिए हैं प्रतिबद्ध'
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने प्लेटफॉर्म और कानूनी विकल्पों के जरिए अपनी रचनात्मक कम्युनिटी की आवाज को समर्थन देते हैं और उन्हें लगातार यह सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसी बीच यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के जज कार्ल निकोलस ने ट्रंप प्रशासन के टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी.


ट्रंप ने टिक टॉक बैन के दिए थे आदेश
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के हवाला देते हुए दोनों टिक टॉक को बैन करने का फैसला किया था. ट्रंप ने कहा था कि इन ऐप्स के जरिए यूजर से बड़ी तादाद में जानकारी ली जा रही है और ये जोखिम वास्तविक हैं. इस डेटा को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से एक्सेस किया जा सकता है.


अमेरिका में टिक टॉक के हैं दस करोड़ यूजर्स
खबरों के मुताबिक इस कार्रवाई से ट्रंप ने कहा कि उन्होंने टिक-टॉक के बारे में फैसला करने के लिए वॉलमार्ट और ओरेकल प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है. टिक-टॉक चीनी कंपनी बाइटडांस का ऐप है. बता दें अमेरिका में टिक-टॉक के लगभग करीब दस करोड़ यूजर हैं.


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