नई दिल्ली: दो देशों के बीच अब सीधे गोला बारी का युद्ध बीते दिनों की बात हो गई है. गोला बारी तक बात आने से पहले कोई देश अपने दुश्मन देश को आर्थिक, सामरिक और रणनीतिक तौर पर हराना चाहता है. चीन भी उन देशों में से एक है जो सीधे युद्ध के मैदान में आने के बजाए अपनी तकनीक और अन्य माध्ययमों से दूसरे देशों में सेंध लगाने का काम करता है.


चीन की इसी चाल को भांपते हुए भारत सरकार ने 30 जून को भारत में बेहद लोकप्रिय टिकटॉक समेत 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर बैन लगा दिया था. सरकार ने इसके लिए देश की सुरक्षा की को खतरा का हवाला दिया था. टिकटॉक पर बैन भले ही लग गया हो लेकिन एक बार फिर इसने दबे पांव चोर दरवाजों से भारतीय स्मार्टफोन में दस्तक देनी शुरू कर दी है.


दरअसल कुछ स्मार्टफोन में लिंकभेज कर इसे सीधे ब्राउजर से डाउनलोड किया जा रहा है. एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग लंबे समय से टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे थे उन्हें दोबारा से इसे डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा जा रहा है.


इसके साथ ही जो लोग गूगल पर टिकटॉक को दोबारा इंस्टॉल करने के तरीके खोज रहे हैं उन्हें भी डाउनलोड लिंक भेजा जा रहा है. यह लिंक व्हाट्सएप, ईमेल, मैसेंजर से apk फर्मेट में भेजा जा रहा है.


apk फॉर्मेट में जिस भी यूजर को लिंक मिलता है वो उस पर क्लिक करने पर यह व्हाट्सएप और फेसबुक का एक्सेस मांगता है. इन दोनों एप्लिकेशन की एक्सेस देने के बाद टिकटॉक दोबारा इंस्टॉल हो जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इस बार टिकटॉक के कुछ फीचर्स पहले से अलग हैं. नए फॉर्मेट में आप टिकटॉक के वीडियो किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं कर पाएंगे.


चोरी छिपे हो रहे इस खेल से साइबर एक्सपर्ट भी हैरान हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को इसकी गंभीरता को समझते हुए इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए.