भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने भारत की सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को सख्त निर्देश दिए हैं. इन निर्देश में ट्राई ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां
अपने चैनल, डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स की तरफ से यूजर्स को स्पेशल या फिर एक्सट्रा बेनिफिट्स न दें, जिससे प्रभावित होकर यूजर्स दूसरे नेटवर्क पर अपना मोबाइल नंबर पोर्ट कराएं.
मिल रहीं थी शिकायतें
दरअसल TRAI को टेलीकॉम प्रोवाइडर्स की तरफ से इसको लेकर कई कंप्लेंट्स मिल रहीं थी, जिसके बाद ट्राई ने ये फैसला लिया है. इन शिकायतों में कहा गया था कि कुछ टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल नंबर पोर्ट कराने पर ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा बेनिफिट दे रही हैं, जिससे ग्राहक प्रभावित होकर दूसरे नेटवर्क पर अपना नंबर पोर्ट करवा रहे हैं. वहीं ऐसी शिकायतों के बाद TRAI ने नई गाइडलाइन जारी की है साथ ही इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं.
कंपनियां उठा रहीं सुविधा का गलत फायदा
बता दें कि MNP एक तरह की सुविधा है, जिसमें ग्राहकों के पास नेटवर्क खराब होने या फिर कॉल ड्रॉप की परेशानी होने पर दूसरे नेटवर्क पर स्विच करने का विकल्प होता है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों इस सुविधा को अवसर मानकर ग्राहकों को लालच दे रही हैं और अपने नेटवर्क पर शिफ्ट करवा रही हैं.
टेलीकॉम कंपनी की होगी जवाबदेही
ट्राई ने अपनी गाइडलाइन में सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को तत्काल प्रभाव से यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि रेगूलेटर को केवल उनके चैनल भागीदारों, डिस्ट्रीब्यूटर्स, रिटेलर्स या थर्ड पार्टी ऐप के जरिए टैरिफ की पेशकश की जाती है. साथ ही TRAI ने कहा कि गाइडलाइन और प्रावधान का अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी और जवाबदेही टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के पास होगी, जहां ऑपरेटर्स के नाम या ब्रांड का यूज प्रोडक्ट की सेलिंग और मार्केटिंग के लिए किया जाता है.
ये भी पढ़ें
TRAI ने की गरीबों के लिए इंटरनेट में सब्सिडी की सिफारिश, मिनिमम 2 MBPS की स्पीड का दिया सुझाव
Prepaid plans: Jio, Airtel और Vi के 84 दिन वाले रिचार्ज प्लान, जानें किसका प्लान है बेस्ट