TRAI समय-समय पर अपने नियमों में बदलाव करता रहता है. लोगों के मोबाइल एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने के लिए TRAI की तरफ से नए फैसले लिए जाते हैं. कई बार मोबाइल नेटवर्क यूजर्स को इससे परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन कई बार ये टेलीकॉम कंपनियों के लिए फायदेमंद भी होता है. Trai ने एक ऐसा ही फैसला लिया है, जिससे यूजर्स को मुआवजा मिलने से लेकर हर चीज पर ध्यान रखा गया है. 


कई बार ऐसा देखा जाता है कि बारिश और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मोबाइल यूजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि शिकायत मिलने के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जाता है. यही वजह है कि TRAI ने अब इसको लेकर एक डेडलाइन सेट कर दी है. ट्राई का कहना है कि अगर कोई टेलीकॉम कंपनी की तरफ से क्वालिटी स्टैंडर्ड को फॉलो नहीं किया जाता है तो इससे उन्हें मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है. पहले ये जुर्माना राशि 50 हजार रुपए थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक कर दिया गया है. ऐसे में टेलीकॉम ऑपरेटरों को लिए ये घाटे का सौदा हो सकता है. 


पुराने नियमों में हुए बदलाव


ट्राई की तरफ से पुराने नियमों भी बदलाव किए गए हैं. यहां जुर्माना राशि को अलग अलग रूप से डिवाइड किया गया है. साथ ही ब्रॉडबैंड और वायरलाइन, वायरलेस सेवा विनियम, 2024 का उल्लंघन करने पर ये राशि का भुगतान करना पड़ेगा. जुर्माना राशि के तौर पर 1 लाख रुपये, 2 लाख रुपए, 5 लाख रुपए और 10 लाख रुपए तक देने पड़ सकते हैं. यानी अब जुर्माना राशि भी अलग अलग प्रकार से तय किया गया है. 


फ्री में देनी होगी छूट


ट्राई के नियम के मुताबिक, अगर किसी जिले में नेटवर्क आउटेज होती है टेलीकॉम कंपनियां उन्हें कनेक्शन की वैलिडिटी बढ़ाकर देगी और इसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा पे नहीं करना पड़ेगा. लेकिन इस आउटेज की डेडलाइन 24 घंटे के लिए सेट की गई है. इसका मतलब है कि कोई नेटवर्क 24 घंटे तक ठप रहता है तो इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को इसका भुगतान करना पड़ेगा. 


12 घंटे को 1 दिन गिना जाएगा 


इस नियम से ग्राहकों को फायदा और टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कोई अगर कोई नेटवर्क लगातार 12 घंटे तक ठप रहता है तो इसे 1 दिन के रूप में गिना जाएगा. यानी अगर 12 घंटे तक नेटवर्क ठप रहेगा तो कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को 1 दिन की ज्यादा वैलिडिटी दी जाएगी. इसे वैलिडिटी एक्सटेंशन कहा जा सकता है. 


ब्रॉडबैंड ऑपरेटरों पर भी ये नियम होगा लागू


बता दें कि ये नियम सिर्फ मोबाइल कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर्स पर भी लागू होने वाला है. इसमें कहा गया है कि अगर कोई ब्रॉडबैंड की सर्विस लगातार 3 दिन तक खराब रहती है तो इसके लिए इसके बदले प्रोवाइडर्स को मुआवजा देना पड़ेगा. कहा जा रहा है कि ये नियम काफी सख्त होने वाला है. 


6 महीने के भीतर लागू होगा नियम 


ट्राई का कहना है कि मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स की वेबसाइट पर अब मैप होना चाहिए, जिससे यूजर्स को ये समझने में आसानी हो कि कंपनी का नेटवर्क कहां तक उपलब्ध है और इसे कैसे अप्लाई किया जा सकता है. यानी यूजर्स अब मैप के जरिए अपने इलाके के बारे में पूरी जानकारी ले पाएंगे. ट्राई के ये नियम 6 महीने के अंदर लागू किए जाएंगे और सभी कंपनियों को इसे फॉलो किया जाएगा.


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