SIM Swap Fraud : दूरसंचार नियामक ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमों में बदलाव का सुझाव दिया है, इन सुझाव से सिम स्वैप धोखाधड़ी को रोकने की कोशिश की जा रही है. बुधवार को ट्राई की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें दूरसंचार नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए यूजर्स से 25 अक्टूबर 2023 तक सुझाव मांगे गए हैं.



ट्राई के नए नियम लागू होने के बाद एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर पोर्ट करते समय टेलीकॉम कंपनियों को पहले के मुकाबले ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, इसके अलावा उन्हें अब जांचना होगा कि जिस नंबर को पोर्ट करने के लिए आवेदन आया है, उसकी ओर से 10 दिन पहले सिम स्वैप या प्रतिस्थापना का अनुरोध किया गया है. अगर ऐसा पाया जाता है तो नंबर को पोर्ट नहीं किया जाएगा.


ट्राई ने नंबर पोर्ट करने के लिए यूजर्स से पूछे सवाल


ट्राई ने नंबर पोर्ट किए जाने से पहले कुछ सवालों की लिस्ट जारी की है, जिनके बारे में ट्राई ने यूजर्स से सुझाव मांगे हैं, इसमें ट्राई की ओर से पूछा गया है कि “क्या किसी भी मोबाइल कनेक्शन के संबंध में यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) के आवंटन के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए एक अतिरिक्त मानदंड पेश करना उचित होगा, जो सिम स्वैप/रिप्लेसमेंट/अपग्रेडेशन की प्रक्रिया से गुजर चुका है? कृपया औचित्य के साथ विस्तृत प्रतिक्रिया प्रदान करें,''.


वहीं दूसरी ओर मोबाइल ऑपरेटर को MNP चाहने वाले यूजर का डेमोग्राफिक विवरण पोर्टिंग ऑपरेटर के साथ शेयर करना जरूरी होगा. इस जानकारी को पोर्टिंग ऑपरेटर के द्वारा यूजर्स द्वारा दी गई जानकारी के साथ मैच किया जाएगा. अगर इसमें कोई भी खामी मिलती है, तो फिर आपका नंबर पोर्ट नहीं होगा.


क्यों किया जा रहा है ये बदलाव


डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इन बदलावों के जरिए सिम-स्वैप, धोखेबाजी और धोखाधड़ी को रोकने की कोशिश कर रही है. वहीं ट्राई ने कहा, “22 मई, 2023 को ट्राई, नई दिल्ली में वायरलेस एक्सेस प्रदाताओं और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा प्रदाताओं (एमएनपीएसपी) के साथ एक बैठक में DoT के उपरोक्त प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया.” 


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