देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानि TRAI गरीबों को इंटरनेट में सब्सिडी देने की सिफारिश की है. ट्राई ने सरकार से कहा है कि ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये की सब्सिडी देनी चाहिए. यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए गरीबों को दी जा सकती है. इसके अलावा ट्राई ने सरकार को और भी सुझाव दिए हैं.
2 MBPS हो मिनिमम स्पीड
TRAI के मुताबिक कोरोनाकाल में वर्क फ्राम होम के साथ ऑनलाइन पढ़ाई और बिजनेस एक्टिविटिज के लिए इंटरनेट की स्पीड में बढ़ोतरी होनी चाहिए. इसके लिए इंटरनेट स्पीड को मिनिमम 512 KBPS से बढ़ाकर 2 MBPS करने की आवश्यकता है. ट्राई का कहना है कि स्पीड में बढ़ाने के लिए ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाली कंपनियों की लागत को कम करना पड़ेगा. ऐसे में लाइसेंस फीस घटाने की जरूरत होगी.
'नीलामी में लानी चाहिए तेजी'
TRAI ने अपनी सिफारिश में कहा है कि सरकार को उपलब्ध मिड-बैंड स्पेक्ट्रम यानी 3300 मेगाहर्ट्ज से 3600 मेगाहर्ट्ज की नीलामी जल्दी करनी चाहिए. मोबाइल ब्रॉडबैंड की स्पीड को और बढ़ाने के लिए IMT-2020 उद्देश्य के लिए एमएम-वेव रेंज में स्पेक्ट्रम के आवंटन में तेजी लानी चाहिए.
TRAI ने दी ये सलाह
TRAI ने सरकार को ब्राडबैंड सर्विस की तीन कैटेगरी की सलाह दी है, जिसमें मिनिमम स्पीड को 2 MBPS तक बढ़ाना, 50 से 300 MBPS की डाउनलोड स्पीड की फास्ट सर्विस और 300 MBPS से अधिक की सुपर फास्ट सर्विस शामिल है. एक यूजर महीने में 13,462 MB डाटा का यूज करता है. अभी 512 KBPS की मिनिमम डाउनलोड स्पीड को ब्रॉडबैंड कनेक्शन माना जाता है.
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