मुंबई: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने न्यूनतम ब्रॉडबैंड स्पीड को चार गुना बढ़ाकर 2 एमबीपीएस करने की सिफारिश की है और सरकार को मासिक सदस्यता शुल्क के आधे हिस्से की प्रतिपूर्ति करके ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड रोलआउट को गति देने का सुझाव दिया है.


ये सिफारिशें आई हैं क्योंकि महामारी के बाद के परिदृश्य में अधिकांश प्रोफेशनल्स को घर से काम करने और छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया.


ट्राई ने सिफारिश की है कि सरकार ब्रॉडबैंड प्रदाताओं को प्रोत्साहन देने के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को नए ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सदस्यता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना की संभावनाओं को तलाशें.


ट्राई के अनुसार, सरकार को मासिक ब्रॉडबैंड शुल्क का आधा, प्रति यूजर प्रति माह अधिकतम 200 रुपये प्रतिपूर्ति करने पर विचार करना चाहिए. यूजर सीधे अपने लिंक किए गए बैंक खातों में प्रतिपूर्ति प्राप्त करेंगे क्योंकि यह डीबीटी के रूप में होगा.


ट्राई ने कहा, "ब्रॉडबैंड की परिभाषा की समीक्षा की गई है और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को मौजूदा 512 केबीपीएस से बढ़ाकर 2 एमबीपीएस कर दिया गया है. डाउनलोड स्पीड के आधार पर फिक्स्ड ब्रॉडबैंड को बेसिक, फास्ट और सुपर-फास्ट में वर्गीकृत किया गया है." बता दें अब तक, न्यूनतम ब्रॉडबैंड स्पीड 512 केबीपीएस थी, जो कि 256 केबीपीएस और कई साल पहले की 56 केबीपीएस तुलना में अपग्रेड है.


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