Facebook laid off: एक हफ्ते के भीतर दुनिया की दो दिग्गज कंपनियों ने 18500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. फेसबुक (मेटा) ने आज अपने 11000 कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया, जबकि 4 नवंबर को ट्विटर ने अपने 7500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. ट्विटर ने भारत के करीब 180 कर्मचारियों को बाहर कर दिया. इससे भी बुरा दौर आने वाला है. IT कंपनियों को कहर टूटने वाला है. आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन ने हायरिंग फ्रीज कर दी हैं, जबकि नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करने वाले हैं.


ट्विटर के 50% और मेटा के 13% लोगों की नौकरी गई


30 सिंतबर तक मेटा में कुल 87 हजार कर्मचारी काम कर रहे थे. आज 11000 हजार से ज्यादा लोगों को निकालने के बाद कुल 13% लोगों की फायरिंग हो गई है. वहीं, ट्विटर ने अपने 50 परसेंट कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कर्मचारियों को निकालने पर मेटा के CEO मार्क जकरबर्ग ने कहा कि मेटा के इतिहास में पहली बार हम सबसे मुश्किल डिसीजन लेने जा रहे हैं. हमने मेटा के 13% कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लिया है. यानी लगभग 11 हजार कर्मचारी. 


आगे किन कंपनियों की बारी


IT कंपनियों का कहर जारी है. भारतीय से लेकर विदेशी कंपनियों तक, हर जगह कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी दिग्गज कंपनियों में शामिल अमेजन ने हायरिंग रोक दी हैं. वहीं, माइक्रोसॉफ्ट, स्नैप और नेटफ्लिक्स जल्द ही लेऑफ यानी छंटनी का ऐलान कर सकते हैं. वैसे, पिछले महीने से माइक्रोसॉफ्ट ने अपने 1 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. नेटफ्लिक्स ने करीब 500 कर्मचारी निकाले थे. स्नैपचैट 1000 लोगों की छंटनी कर चुका है. इस लिस्ट में और भी कई कंपनियों के नाम हैं, जो जल्द ही अपनी वर्कफोर्स कम कर सकती हैं.


छंटनी क्यों कर रही हैं टेक कंपनियां


सबसे बड़ा सवाल, टेक कंपनियां इतनी ज्यादा छंटनी क्यों कर रही हैं? दो साल पहले जब मार्च 2019 में कोरोना आया तो टेक्नोलॉजी अपने चरम की तरफ बढ़ने लगी. जब कोरोना का भयानक दौर आया तो टेक कंपनियां मालामाल होने लगीं. टेक्नोलॉजी के बिना हर चीज असंभव हो गई. इस वजह से इन कंपनियों के रेवेन्यू में कई गुना इजाफा हुआ और इसी के अनुपात में हायरिंग भी जमकर हुई. लेकिन अब चीजें बदल गईं. कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आने लगी है. इस वजह से इन कंपनियों को घाटे से बचने के लिए छंटनी करनी पड़ रही है.