Twitter vs Elon Musk: ट्विटर और एलन मस्क की डील अब धीरे-धीरे एक नया मोड़ लेती नज़र आ रही है. एलन मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण की डील को खत्म कर दिया और उसके बाद से ट्विटर और एलन मस्क दोनों कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं. एलन मस्क ने ट्विटर की डील को यह कहते हुए खत्म किया कि कंपनी बॉट अकाउंट की जानकारी नहीं दे रही है. भारत सरकार के साथ चल रहे ट्विटर के मसले पर भी एलन मस्क ने पहली बार कोई बयान दिया है. एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर (Twitter) ने भारत सरकार के खिलाफ चल रहे मुकदमे का खुलासा नहीं किया है और कंपनी को भारत सरकार के स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए. 


पिछले साल भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) ने सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने की मांग करने और अनुपालन करने से इनकार करने वाली कंपनियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाले कुछ नियम लागू किए हैं. मस्क ने कहा है कि ट्विटर ने भारत सरकार के खिलाफ जाकर अपने तीसरे सबसे बड़े बाजार को खतरे में डाल दिया है. 


ट्विटर ने कहा, "एलन मस्क का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है."


वहीं ट्विटर ने डेलावेयर कोर्ट में दाखिल एलोन मस्क के उस दावे से इनकार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्विटर को खरीदने के लिए किए गए सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें धोखा दिया गया था. ट्विटर का कहना है कि एलन मस्क का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. ट्विटर ने आगे कहा है कि ट्विटर पर आरोप लगाने के लिए एलन मस्क के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है. वहीं, मस्क ने जुलाई में कर्नाटक उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार के खिलाफ मुकदमे का ट्विटर ने खुलासा नहीं किया है.


ट्विटर ने अपना पक्ष रखे हुए कहा है कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत भारतीय सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कुछ कंटेंट और अकाउंट पर कार्रवाई करने की बात कही गई थी. भारतीय सरकार की ओर से ट्विटर को राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के अकाउंट और पोस्ट को हटाने का आदेश दिया गया है.


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