Twitter Verification Program: 1 अप्रैल के बाद से ट्विटर पर ब्लू चेकमार्क बनाए रखने के लिए ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन खरीदना जरूरी है. कंपनी इस बात का ऐलान कर चुकी थी कि 1 अप्रैल के बाद लीगेसी चेकमार्क यानी फ्री में मिले हुए ब्लू टिक अकाउंट से हटा दिए जाएंगे. भारत में ट्विटर ब्लू के लिए वेब यूजर्स को 650 रुपये और आईओएस और एंड्रॉयड यूजर्स को 900 रुपये का भुगतान हर महीने करना होता है. ट्विटर ने हाल ही में कंपनियों के लिए भी वेरिफिकेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है. कंपनियों को ट्विटर पर वेरिफिकेशन के लिए हर महीने 82,000 रुपये का भुगतान करना है. कंपनियां चाहें तो किसी इंडिविजुअल या अपने कर्मचारी का अकाउंट भी अपने साथ एफिलिएट करा सकती है. इसके लिए कंपनी को 50 डॉलर का भुगतान अतिरिक्त करना होगा. 


ट्विटर ने कंपनियों के लिए वेरिफिकेशन प्रोग्राम दुनियाभर में शुरू कर दिया है. इस वेरीफिकेशन प्रोग्राम के तहत वेरीफाइड कंपनियां किसी इंडिविजुअल के अकाउंट को खुद से वेरीफाई कर पाएंगी. यानी इस काम के लिए उन्हें ट्विटर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. यदि कोई अकाउंट किसी कंपनी के साथ एफिलिएट होगा तो उस अकाउंट पर कंपनी की प्रोफाइल फोटो बैज के रूप में नजर आएगी. 



इन लोगों को फ्री में मिलेगा ब्लू टिक


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर 10,000 कंपनियों को फ्री में ब्लू टिक देगा जिनके प्लेटफार्म पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स होंगे. इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है ऐसे 500 एडवरटाइजर जो ट्विटर पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं उन्हें भी फ्री में ब्लू चेकमार्क दिया जाएगा. यानी फ्री में मिलने वाला ब्लू टिक केवल कंपनियों और एडवरटाइजर के लिए है, वो भी उनके लिए जो तय शर्तो को पूरा करेंगे. 


पब्लिक किया सोर्स कोड


पिछले दिनों एलन मस्क न ये जानकारी शेयर की थी कि रेकमेंड होने वाले ट्वीट का सोर्स कोड पब्लिक किया जाएगा. कंपनी ने 31 मार्च को Github पर सोर्स कोड अपलोड कर दिए थे. सोर्स कोड को पब्लिक करने का मकसद रिकमेंड होने वाले ट्वीट के एल्गोरिदम को बेहतर बनाना है.


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