Koo App Closed: एलन मस्क के माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (पुराना नाम ट्विटर) को टक्कर देने के लिए भारत का एक देसी माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म KOO को लॉन्च किया गया था. एक दौर था, जब भारत में इस देसी ट्विटर की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी, लेकिन अब इस प्लेटफॉर्म को बंद कर दिया गया है. इस कंपनी के फाउंडर्स ने खुद इस बात का ऐलान करते हुए कहा कि पार्टनरशिप की बातचीत फेल होने और टेक्नोलॉजी कॉस्ट में काफी ज्यादा खर्च होने के कारण इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यानी KOO को बंद कर दिया गया है.
क्यों बंद हुआ ऐप?
कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने लिंक्डन पर हाल ही में किए एक पोस्ट के जरिए कू ऐप के बंद होने का ऐलान करते हुए कहा कि वे "कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों के साथ साझेदारी की संभावना तलाश रहे थे, लेकिन इन वार्ताओं से कोई नतीजा नहीं निकला" और "उनमें से कुछ ने डील साइन करने के वक्त अपना मन बदल लिया."
यह अपडेट द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट की एक रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें बताया गया था कि कू और डेलीहंट के बीच पार्टनरशिप की बात सफल नहीं हो पाई. हालांकि ऐप ने ब्राजील में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया और लॉन्च के केवल 48 घंटों में 1 मिलियन से अधिक डाउनलोड दर्ज किए, लेकिन भारतीय बाजार में इसे गति प्राप्त करने में संघर्ष करना पड़ा है.
2020 में हुआ था लॉन्च
आपको बता दें कि कू ऐप 2020 में लॉन्च किया था, लेकिन इस ऐप को लोकप्रियता 2021 में तब मिली थी, जब भारत सरकार किसी पोस्ट को एक्स (पुराना नाम ट्विटर) से हटाने को लेकर ट्विटर के साथ उलझ गई थी. भारत सरकार और ट्विटर के बीच हुए उस विवाद का फायदा कू ऐप को हुआ और उसके बाद इस ऐप को ना सिर्फ सरकार ने प्रमोट किया बल्कि कई केंद्रीय मंत्रियों ने इसका इस्तेमाल करके लोगों से इस ऐप का इस्तेमाल करने का आह्वान भी किया.
एक वक्त में कू ऐप काफी लोकप्रिय हो गया था. इस ऐप में रोज़ाना एक्टिव यूज़र्स की संख्या 21 लाख और मंथली एक्टिव यूज़र्स की संख्या 1 करोड़ तक पहुंच गई थी. इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म पर 9000 से ज्यादा वीआईपी लोगों का अकाउंट भी था.
उसके बाद से इस ऐप में कई मंत्रियों के साथ-साथ बॉलीवुड स्टार्स और क्रिकेटर्स समेत अनेकों सितारों ने अपने-अपने अकाउंट खुलवाए और इस्तेमाल करना शुरू किया. हालांकि, समय के साथ-साथ कू ऐप की लोकप्रियता और चर्चाएं कम होती चली गई और एलन मस्क के द्वारा ट्विटर को खरीदने जाने पर भारतीय यूज़र्स ने एक बार फिर ट्विटर पर ही अपना भरोसा कायम रखने का फैसला लिया.