AI मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए यूक्रेन ने जुटाई 20 लाख घंटों की वीडियो फुटेज, युद्ध में करेगा इस्तेमाल
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध में दोनों देश AI का उपयोग कर रहे हैं. यूक्रेन 20 लाख घंटे की ड्रोन फुटेज से AI को प्रशिक्षित कर रहा है. रूस भी स्ट्राइक ड्रोन का उपयोग कर ठिकानों को टारगेट कर रहा है.
यूक्रेन और रूस के बीच पिछले लगभग 3 साल से युद्ध जारी है. यह संभवत: पहला ऐसा युद्ध है, जिसमें दोनों ही देश निगरानी करने, ठिकानों का पता लगाने और बम गिराने के लिए AI जैसी तकनीकों की इस्तेमाल कर रहे हैं. अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि यूक्रेन ड्रोन के माध्यम से जुटाए गए हजारों घंटों की वीडियो फुटेज से अपने AI मॉडल को ट्रेनिंग दे रहा है ताकि युद्ध के मैदान में समय पर जरूरी फैसले लिए जा सकें.
यूक्रेन ने जुटाया 20 लाख घंटों का डाटा
यूक्रेनियन डिजिटल सिस्टम OCHI के फाउंडर अलेक्जेंडर दिमित्रिव ने बताया कि युद्ध के मोर्चे पर तैनात 15,000 ड्रोन क्रू ने 20 लाख घंटों की युद्ध से जुड़ी फुटेज जुटा ली है. उन्होंने बताया कि इससे AI को ट्रेनिंग दी जाएगी. अगर आप AI को 20 लाख घंटों की वीडियो दिखाएंगे तो यह सुपरनैचुरल चीज बन जाएगी.
दिमित्रिव ने बताया कि इन वीडियो फुटेज से AI मॉडल को लड़ाई के तरीके, ठिकानों का पता लगाना और हथियारों के प्रभाव का पता लगाना सिखाया जा सकता है. इसकी मदद से AI यह पता लगा सकती है कि किस हथियार को किस एंगल और कितनी ऊंचाई पर छोड़ना है.
इसी तरह यूक्रेन के पास एक एवेंजर्स नाम का भी सिस्टम है. यह ड्रोन और CCTVs से फुटेज इकट्ठा करता है. इस सिस्टम ने AI का इस्तेमाल करते हुए एक हफ्ते में रूस के 12,000 उपकरणों का पता लगाया था. यूक्रेन अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए हजारों ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा है. यूक्रेन की कंपनियां ऐसे सिस्टम बना रही हैं, जिसमें एक ही कंप्यूटर से कई ड्रोन्स को एक साथ कंट्रोल किया जा सकता है.
रूस भी इस मामले में पीछे नहीं
दूसरी तरफ रूस भी इस मामले में पीछे नहीं है. वह अपने स्ट्राइक ड्रोन से यूक्रेन की जमीन पर ठिकानों का पता लगाकर उन्हें निशाना बना रहा है. यूक्रेन के बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ उसके ये ड्रोन काफी प्रभावी साबित हुए हैं.
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