पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का रास्ता हुआ साफ, कैबिनेट की हरी झंडी
मॉनसून सत्र में संसद में इस बिल को लाया जा सकता है. केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था.
कैबिनेट की बैठक से बड़ी खबर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक में डेटा प्रोटेक्शन बिल (personal data protection Bill) को मंजूरी दे दी गई है. पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा.
नवंबर 2022 में हुआ था प्रकाशित
आपको बता दें कि केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था. इसका इंतजार लंबे समय से था. इस बिल का संशोधित संस्करण सिर्फ पर्सनल डेटा पर फोकस्ड है. इसमें नॉन पर्सनल डेटा के इस्तेमाल को रेगुलेट करने की जरूरत ही खत्म हो गई है. इस संस्करण में कहा गया है कि डेटा फिड्यूशियरी बच्चों की ट्रैकिंग या व्यवहार संबंधी निगरानी या बच्चों के लिए निर्देशित विज्ञापन का काम नहीं करेगी. अगर इस निर्देश का पालन नहीं होता है तो 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
पहला ड्राफ्ट तैयार किए जाने के बाद आलोचना हुई
पीडीपी बिल को वापस लेने के चलते इस बिल (Personal Data Protection Bill 2022) की जरूरत पड़ी. इसकी साल 2018 में न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण समिति द्वारा पहला ड्राफ्ट तैयार किए जाने के बाद से काफी आलोचना हुई थी. ड्राफ्ट बिल में एक डेटा फ़िडुशियरी की जरूरत होती है. यानी एक यूनिट जो यूजर्स डेटा को प्रोसेस्ड करती है, ताकि इकट्ठा किए जाने वाले डेटा पर यूजर्स को स्पष्ट और सरल भाषा में एक आइटमयुक्त नोटिस दिया जा सके. इसमें यह भी जरूरी है कि यूजर्स को अपनी जानकारी शेयर करने से सहमति देने, प्रबंधित करने और वापस लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
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