Bharatnet package को कैबिनेट से मंजूरी, फर्स्ट फेज में होगा 1.3 ट्रिलियन रुपये का निवेश
भारतनेट का मकसद हर भारतीय गांव को फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (fixed-line broadband connectivity) उपलब्ध करना है.
भारतनेट पैकेज (Bharatnet package) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को मंजूरी दे दी है. दूरसंचार विभाग (DoT) के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी भारतनेट प्रोजेक्ट (Bharatnet Project) के अगले फेज को आगे बढ़ाने के लिए 1.3 ट्रिलियन ($ 17 बिलियन) का निवेश किया जाएगा. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, भारतनेट (Bharatnet) का मकसद हर भारतीय गांव को फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (fixed-line broadband connectivity) उपलब्ध करना है.
भारतनेट का मकसद
खबर के मुताबिक, कैबिनेट मीटिंग में भारतनेट (Bharatnet) के नेक्स्ट फेज को आगे बढ़ाने के लिए एक नए ऑपरेशन मॉडल को भी अपनाया गया, जिसका मकसद अगले दो महीनों के भीतर देश भर में 250,000 ग्राम पंचायतों के तहत 674,000 गांवों को कवर करना है. बता दें, अगस्त 2020 में, सरकार ने देश के हर गांव को इंटरनेट की कम से कम 100 एमबीपीएस बैंडविड्थ उपलब्ध करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये जोड़ने की अनाउंसमेंट की थी. फिलहाल 194,000 गांव अभी तक बिछाई गई 584,000 किमी फाइबर ऑप्टिक केबल से जुड़े हैं.
ग्राम पंचायतों को जोड़ने का मॉडल
भारतनेट (Bharatnet package) ग्राम पंचायतों को राज्य-आधारित मॉडल, निजी क्षेत्र मॉडल और सीपीएसयू मॉडल जैसे कई मॉडल के जरिये जोड़ता है. अगले फेज में इसे अब एक ऐसा सिस्टम द्वारा सेटअप किया जाएगा जहां व्यक्तिगत घरों में केबल बिछाने और उनके रखरखाव के लिए हर गांव में ग्रामीण उद्यमियों (जिन्हें उद्यमी कहा जाता है) को चुना जाएगा.
खबर के मुताबिक, ऑप्टिकल फाइबर केबल (optical fiber cable) को ग्रामीण स्तर तक लाने की पूंजीगत लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी, लेकिन उद्यमी इसे आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होगा. भारतनेट (Bharatnet) के जरिये ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेंस (e-governance), ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, इंटरनेट और दूसरी सर्विस के डिस्ट्रीब्यूशन को आसान बनाना है.
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