आजकल साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. इससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसा ही एक स्कैम UPI में Pull Transaction के नाम पर हो रहा है. इसमें स्कैमर लोगों के पास पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं. अगर कोई गलती से इसे एक्सेप्ट कर लेता है तो उसके खाते से पैसे उड़ जाते हैं. स्कैम के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब इस तरीके को बंद करने पर विचार हो रहा है.
क्या है Pull Transaction?
Pull Transaction में कोई मर्चेंट ग्राहक के पास पेमेंट रिक्वेस्ट भेजता है. इसमें पेमेंट की रकम पहले से दी गई होती है. पेमेंट करने के लिए ग्राहक को केवल UPI पिन डालना होता है. दूसरी तरफ Push Transaction वह होती है, जिसमें ग्राहक खुद QR कोड स्कैन कर या दूसरे तरीकों से मर्चेंट को पेमेंट करता है. इसमें रकम भी खुद ग्राहक भरता है. RBI के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 की पहली छमाही में पुल ट्रांजैक्शन से जुड़ी 27,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं हैं.
तरीके को बंद करने पर हो रहा विचार
पुल ट्रांजेक्शन के जरिए बढ़ रहे साइबर अपराधों को रोकने के लिए इसे बंद करने पर विचार किया जा रहा है. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इसके लिए बैंकों से बातचीत कर रहा है. अभी तक यह बातचीत बहुत शुरुआती चरण में है और इसे लागू करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
UPI से होने वाले स्कैम से कैसे बचें?
- किसी भी अनजान या संदिग्ध व्यक्ति से UPI पिन समेत कोई भी संवेदनशील जानकारी शेयर न करें.
- UPI पर आई पेमेंट रिक्वेस्ट को ध्यान से देखें. आपने जितनी कीमत का सामान लिया है, उतने ही पैसों की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करें.
- UPI ऐप्स को हमेशा ऑफिशियल सोर्स से ही डाउनलोड करें. अनजान व्यक्ति के भेजे लिंक से कभी भी ऐप डाउनलोड न करें.
- पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें. साथ ही बैंक से आने वाले मैसेज को ध्यान से देखते रहें. संदिग्ध ट्रांजेक्शन होने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें.
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