हाल ही में मार्क जुकरबर्ग ने ऐलान किया था उनकी कंपनी मेटा फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को बंद करने जा रही है. उनके इस फैसले का कड़ा विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता के हिमायती लोग मेटा के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. इसके अलावा यूजर्स भी इस फैसले से खुश नहीं है. जुकरबर्ग के इस ऐलान के बाद लोग फेसबुक-इंस्टाग्राम से फोटो और अकाउंट आदि डिलीट करने के तरीके खोज रहे हैं.
फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को क्यों बंद कर रही मेटा?
जुकरबर्ग ने इस फैसले का ऐलान करते हुए कहा था कि फैक्ट-चेकर्स राजनीतिक रूप से पक्षपाती रहे हैं और उन्होंने भरोसा जीतने की बजाय भरोसा गंवाया है. मेटा फैक्ट-चेकिंग की जगह एक्स की तरह कम्युनिटी नोट्स लाने की तैयारी कर रही है. अमेरिका से इसकी शुरुआत होगी. जुकरबर्ग ने कहा कि फ्री स्पीच को बहाल करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
यूजर्स को सता रहा यह डर
मेटा के इस कदम के बाद यूजर्स के बीच प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता और सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. इनमें से कुछ यूजर्स ने मेटा प्लेटफॉर्म्स के विकल्प देखने शुरू कर दिए हैं तो कुछ अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट आदि डिलीट कर रहे हैं. उनका डर है कि फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम बंद करने से मेटा प्लेटफॉर्म पर गलत और भ्रामक जानकारियां बढ़ जाएंगी.
दूसरे विकल्प तलाशने लगे यूजर्स
जुकरबर्ग के इस ऐलान के बाद से गूगल पर लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम डिलीट करने के तरीके ढूंढने लगे हैं. गूगल ट्रेंड पर 'हाउ टू परमानेंटली डिलीट फेसबुक' सर्च टर्म का स्कोर अधिकतम 100 पर पहुंच गया था. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग गूगल पर फेसबुक से सारी फोटो डिलीट करने, फेसबुक के विकल्प, फेसबुक को छोड़ने, थ्रेड्स अकाउंट डिलीट करने और बिना लॉग-इन किए इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट करने के तरीके ढूंढ रहे हैं. हालिया दिनों में इन सर्च में 5,000 प्रतिशत से अधिक का इजाफा देखा गया है.
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