Using Smartphone in Toilet? कोरोना के बाद से लोग अपने स्वास्थ का ज्यादा ध्यान रखने लगे हैं और समय-समय पर अपने हाथों को सेनेटाइज भी कर रहे हैं. ये एक अच्छी प्रैक्टिस है. दिन भर में हर व्यक्ति अमूमन 6 से 8 बार अपने हाथों को धोता है. हालांकि इतने बार हाथ धोने और इन्हें समय-समय पर सेनेटाइज करने के बावजूद भी हम सभी हजारों बैक्टीरिया के सम्पर्क में रहते हैं. आप सोच रहे होंगे कैसे तो इसकी वजह है आपका स्मार्टफोन. दरअसल, एक स्टडी में ये कहा गया है कि हमारे स्मार्टफोन में टॉयलेट सीट से 10 गुना ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ पर बुरा असर डालते हैं.


टॉयलेट सीट पर हो रहे सभी काम 


नॉर्डवीपीएन के एक अध्ययन के अनुसार, 10 में से 6 लोग अपना व्यवसाय करते समय फोन को वॉशरूम में ले जाते हैं, विशेषकर युवा. इस स्टडी में भाग लेने वालों में से 61.6% लोगों ने ये स्वीकार किया कि वे टॉयलेट सीट पर बैठकर अपने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट को चेक करते हैं. स्टडी के मुताबिक, लगभग एक तिहाई (33.9%) लोग बाथरूम में करंट अफेयर्स जबकि एक चौथाई (24.5%) अपने प्रियजनों को संदेश भेजते हैं. यहां तक कि लोग लाइफ से जुड़ी हर परेशानी और उसका समाधान भी टॉयलेट सीट पर ही डिस्कस करते हैं. 


स्मार्टफोन को हर समय यूज करने की आदत वैसे ही खराब है लेकिन जब आप इसका इस्तेमाल टॉयलेट सीट पर करते हैं तो इससे खतरा और बढ़ जाता है. टॉयलेट सीट में मौजूद बैक्टीरिया स्मार्टफोन के सरफेस तक किसी भी तरह से आ जाते हैं और फिर ये हमारे हाथों के जरिए हमारे शरीर में जाते हैं. इस वजह से गंभीर स्वास्थ परेशानियां हो सकती हैं.


डिजिटल युग का मच्छर है टच स्क्रीन


रिपोर्ट में ये कहा गया कि मोबाइल फोन की स्क्रीन पर बैक्टीरिया 28 दिनों तक जीवित रह सकते हैं. एक रिपोर्ट में इन्फेक्शन कंट्रोल विशेषज्ञ डॉ. ह्यू हेडन ने याहू लाइफ यूके को बताया कि एक स्थापित तथ्य है कि स्मार्टफोन में टॉयलेट सीटों की तुलना में 10 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन की टचस्क्रीन डिजिटल युग का मच्छर है. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप स्मार्टफोन, इयरबड्स अदि को वाशरूम में न ले जाएं और अपने स्वास्थ का खास ख्याल रखें. 


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