नई दिल्ली: अगर आप ज्यादा वेब और मेल्स का इस्तेमाल करते हैं तो रोजाना आपको कई ऐसे ई-मेल्स आते होंगे जो आपके लिंक में नहीं है, ज्यादातर E-mails प्रमोशन वाले होते हैं. जबकि कई ई-मेल्स ऐसे होते हैं जो आपसे आपकी बैंक की डिटेल्स/कार्ड की डिटेल्स तक मांग लेते हैं, अक्सर लोग इन मेल्स को समझ नहीं पाते और ठगी का शिकार हो जाते हैं. महज एक क्लिक पर आप अकाउंट खाली और सिस्टम हैक हो सकता है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कुछ फर्जी E-mails के बारे, ताकि आप इनसे सुरक्षित रह सकें.
क्रेडिट कार्ड
आजकल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादातर हैं. लेकिन कई बार ऐसे भी ई-मेल आते हैं जिसमें लिखा होता है कि आपका क्रेडिट कार्ड बैंक के द्वारा आपके घर पर भेजा जा चुका है. डिलीवरी के लिए इस फॉर्म को भरें, लेकिन हकीकत यही है दोस्तों कि बैंक कभी भी इस तरह का मेल अपने ग्राहकों को नहीं भेजता. ध्यान रहे इस तरह के मेल ऐसे लोगों के पास भी आते हैं जिन्होंने कभी क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई हीं नहीं किया है.
खतरनाक होती है ऐसी मेल
अगर आपके पास भी कुछ ऐसे ई-मेल आते हैं जिनमें लॉटरी के जरिये लाखों रुपये जितने का मौका मिल रहा है तो ऐसे मेल से सावधान रहें, क्योंकि ऐसे में मेल आपको चूना लगा सकते हैं और आपका अकाउंट भी हैक कर सकते हैं. इस तरह के ई-मेल पर क्लिक करने से पहले उसके सब्जेक्ट लाइन को ध्यान से पढ़ें.
अनुरोध मेल
आपके इनबॉक्स या स्पैम में आपसे किसी चीज के लिए अनुरोध के लिए इस तरह की मेल्स आते है. ज्यादातर मेल एनजीओ के नाम से आते हैं. जबकि हकीकत यह है कि शायद ही ऐसे ई-मेल एनजीओ द्वारा भेजे गए होते हैं. ऐसे में यही बेहतर होगा कि आप इस तरह के किसी भी ई-मेल पर झट से क्लिक ना करें. ऐसे ई-मेल को या तो इन-बॉक्स में पड़े रहने दें या फिर डिलीट कर दें.
अकाउंट डिटेल्स
महीने में आखिर में आपके मेल बॉक्स में ऐसे मेल भी आते हैं जिसे खोलने के लिए आपका बैंक अकाउंट नंबर डालना होता है। कई बार तो ऐसे ई-मेल आपके बैंक की ओर से आते हैं लेकिन कई बार हैकर्स भी ऐसे मेल करते हैं. ऐसे में जब भी आपको ऐसे मेल दिखाई दें तो खोलने से पहले उसकी जांच अच्छी तरह से कर लें.
नोट: याद रखिये कोई भी बैंक आपसे आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड का पासवर्ड, OTP, PIN नंबर नहीं मांगता, यदि कोई भी आपको कॉल करके ये सब डिटेल्स मांगता है तो तुरंत फोन कट कर दीजिये.