ऐसे ही कोई गेम खेलना शुरू करते हैं और फिर इसकी लत लग जाती है.. क्यों ऑनलाइन गेम्स के आदी हो जाते हैं आप?
एडिक्शन सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो गेम आपके दिमाग को उसी तरह से प्रभावित करते हैं जैसे की नशा. आइए इसके बारे में डिटेल में जानें
Online Gaming Addiction: हम किसी ऑनलाइन या मोबाइल गेम को खेलना शुरू करते हैं. गेम हमें पसंद आता है, हम गेम को ज्यादा समय देने लगते हैं. इसके बाद यह गेम कब एक लत बन जाता है पता ही नहीं चलता. गेम की लत लग जाने को गेमिंग डिसॉर्डर भी कहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2018 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने गेमिंग डिसऑर्डर (Gaming Disorder) को अंतरराष्ट्रीय बीमारी की श्रेणी में शामिल किया था. WHO के अनुसार, गेमिंग डिसऑर्डर होने पर आपको डॉक्टर से जांच और इलाज करवाने की आवश्यकता है.
क्यों लगती है ऑनलाइन गेम की लत (Online Game Addiction)
एडिक्शन सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो गेम आपके दिमाग को उसी तरह से प्रभावित करते हैं जैसे कि नशा. ये आपकी बॉडी में डोपामिन को रीलीज करते हैं. यह एक ऐसा केमिकल है जो आपके व्यवहार को रिइनफोर्स करता है. यही वजह है कि ऑनलाइन गेम खेलना आपके लिए एडिक्शन बन जाता है. स्टडी बताती है कि जिन लोगो को ऑनलाइन गेम की लत लगती है उनका मानना है कि उन्हें गेम खेलने से एडवेंचर का अनुभव मिलता है. इसके साथ ही, वे गेम खेलने से असल जिंदगी की प्रॉब्लम से दूर चले जाते हैं. इसके अलावा, कुछ बस इसे एक हॉबी के तौर पर खेलते हैं.
क्या है गेमिंग डिसऑर्डर
जो लोग गेमिंग डिसऑर्डर के शिकार होते हैं, उन्हे ये तय करने में मुश्किल होती है कि वह कितना समय डिजिटल गेम खेलते हुए बिताएंगे. वे गेम खेलने को अपने जरूरी कामों से भी ज्यादा जरूरी समझते हैं. धीरे-धीरे ज्यादा गेम खेलने की वजह से उनके व्यवहार पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ने लगता है. गेमिंग डिसऑर्डर एक व्यवहार से जुड़ा हुआ डिसऑर्डर है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में पबजी और कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे गेम यूथ के हॉट फेवरिट थे. गेमिंग डिसऑर्डर वाले लोग इन्हें ही ज्यादा खेला करते हैं.
गेमिंग डिसऑर्डर के लक्षण
डब्ल्यूएचओ की परिभाषा के मुताबिक, गेमिंग डिसऑर्डर के शिकार लोगो में नीचे बताए गए लक्षण कम से कम 12 महीने तक दिखते हैं.
- गेम खेलने की आदत पर कंट्रोल न रखना
- अन्य कामों से ज्यादा प्राथमिकता गेमिंग को देना
- नकारात्मक असर पड़ने के बावजूद गेम खेलना न छोड़ पाना
- पढ़ाई, नौकरी और रिलेशनशिप पर भी असर पड़ना
गेमिंग डिसऑर्डर का उपचार
अगर आप ऊपर बताई गई सब बातों को नज़रअंदाज़ कर गेम में लगे रहते हैं तो 12 महीने के अंदर ही आपको इसकी बुरी लत लग सकती है. इससे आपको दिमागी सेहत पर भी असर पड़ता है. अगर आपको खुद में या अपने किसी खास में गेमिंग की लत दिखाई देती है तो डॉक्टर से संपर्क करें.
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