वोडाफोन आइडिया को नहीं मिल पा रही फंडिंग, इससे भारत की 5G मार्केट पर क्या असर पड़ेगा?
GlobalData ने कहा कि 5G इक्विपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंडिंग हासिल करने में VI को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसके शेयर की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है.
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VI 5G : डेटा और एनालिटिक्स फर्म ग्लोबलडाटा ने एक नोट में कहा है कि वोडाफोन आइडिया की फंड जुटाने में असमर्थ रहा है, और इस वजह से कम्पनी एक अनिश्चित फाइनेंशियल सिचुएशन में आ चुकी है, जिससे भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच ही 5G का मुकाबला हो सकता है. वोडाफोन आइडिया ने 5G सर्विस को शुरू करने की अभी तक घोषणा नहीं की है. 5G की लॉचिंग को लेकर कंपनी का कोई प्लान नजर नहीं आ रहा है. इस सबको देखते हुए सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि वोडाफोन आइडिया कंपनी भारती एयरटेल और रिलायंस जियो से कंपटीशन में काफी पिछड़ रही है.
शेयर की कीमतों में भी आई भारी गिरावट
GlobalData ने कहा कि 5G इक्विपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंडिंग हासिल करने में कंपनी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसके शेयर की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है. ग्लोबलडाटा में थीमैटिक इंटेलिजेंस टीम के प्रिंसिपल एनालिस्ट श्री चरण पडाला ने कहा, "Vi एक्सटर्नल इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए स्ट्रगल कर रहा है, और कंपनी ने एक कारण के रूप में देय राशि को इक्विटी में कन्वर्ट करने में देरी का हवाला दिया है. कंपनी पर भारत सरकार का 7 बिलियन डॉलर से अधिक का एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू संबंधित बकाया बाकी है, जिसे अब इक्विटी में बदल दिया गया है, "
अगर फंड नहीं मिला तो?
इसके बावजूद, कम्पनी को अभी तक नए इन्वेस्टर्स नहीं मिले हैं, जिसने कंपनी को अपने कंपीटिटर भारती एयरटेल और रिलायंस जियो की तुलना में नुकसान में डाल दिया है. इससे कंपनी की ब्रांड वैल्यू और कस्टमर लॉयल्टी प्रभावित हुई है क्योंकि भारत में ग्राहक टेलीकॉम ऑपरेटर का चयन करते समय रिलियाबिलिटी को प्राथमिकता देते हैं. फर्म ने कहा कि अगर वोडाफोन आइडिया फंडिंग नहीं जुटा पाता है, तो इससे भारतीय दूरसंचार बाजार में कंपनी का भविष्य खतरे में आ सकता है. इससे कंपटीशन की कमी यूजर्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित भी कर सकती है.
फर्म ने कहा कि भारत सरकार को फिर यह देखने की जरूरत पड़ सकती है कि टेलीकॉम बाजार में हेल्थी कंपटीशन हो और यूजर्स की हाई क्वालिटी, सस्ती सर्विस तक पहुंच हो. वोडाफोन का अस्तित्व भारतीय 5जी बाजार में एकाधिकार से बचने के लिए जरूरी है. अगर Vi को फंडिंग मिल जाती है तो कम्पनी बहुत अधिक प्रभावी कीमत पर वॉयस, एसएमएस और कंटेंट जैसे कई डाइमेंशन के साथ डेटा की पेशकश कर सकती है.
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