How to Identify Voice Cloning: आज टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा एडवांस हो गई है. इसका एक बड़ा उदाहरण आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस है. आज एआई की मदद से कई कामों को आसान किया जा रहा है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.


हाल ही में एक आवाज बदलने वाले ऐप का इस्तेमाल कर 7 लड़कियों से रेप करने का मामला सामने आया है. आइए जानते हैं कि ये वॉयस क्लॉनिंग क्या है और इसकी पहचान कर इससे कैसे बचा जा सकता है. 


क्या होती है वॉइस क्लोनिंग?


वॉइस क्लोनिंग एक टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल किसी शख्स की आवाज की नकल उतारने के लिए किया जाता है. ये नकली आवाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से तैयार होती है जो एकदम हू-ब-हू होती है. आवाज की कॉपी करने वाले तरीके को वॉइस क्लोनिंग कहा जाता है. ये आवाज इतनी अच्छे से कॉपी हो जाती है कि किसी के लिए भी असली और नकली आवाज में अंतर करना मुश्किल होता हैं.


कैसे करें पहचान?


सबसे पहले अनजान नंबर से आने वाले कॉल पर विशेष ध्यान देना है और उसकी बातों पर तुरंत भरोसा नहीं करना है. आप फेक कॉल की पहचान करने के लिए ट्रूकॉलर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपके पास किसी रिश्तेदार या दोस्त किसी अनजान नंबर से कॉल आती है तो अलर्ट रहिए. कोशिश करिए फोन काटकर उसके व्यक्ति के असली नंबर पर कॉल करके बात करें.


अगर वह शख्स फोन खो जाने का बहाना बनाता है या किसी और तरीके से जिद करता है तो उससे कुछ सवाल पूछिए जिसके बारे में सिर्फ आप दोनों ही जानते हैं. अगर वह ठग होगा तो जवाब नहीं दे पाएगा. अगर फिर भी आपको उसपर शक होता है वीडियो कॉल पर आने की बात कहिए और वेरिफाई करने के बाद ही आगे बात बढ़ाइए. 


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