इन दिनों स्मार्टफोन में हमारी कई महत्वपूर्ण डिटेल रहती है. यदि किसी कारण से ये गुम या चोरी हो जाए तो व्यक्ति की जान हलक पर आ जाती है. कई लोग तो पासवर्ड को क्रैक कर लोगों का पैसा और डेटा चुरा लेते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. इस सब से बचने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर प्लेटफार्म की शुरुआत 2019 में की थी. इस ऐप की मदद से चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक और counterfeit मार्केट को खत्म किया जा सकता है. ये ऐप अब भारत के सभी राज्यों और यूनियन टेरिटरी के लिए मौजूद है.


इस ऐप को 2019 में दादरा एंड नगर हवेली, गोवा और महाराष्ट्र में सितंबर 2019 में लांच किया गया था. इसके बाद दिल्ली में भी इसे लॉन्च किया गया. हालांकि अब ये ऐप पूरे देशभर में लॉन्च हो चुका है और इसकी मदद से आप अपने मोबाइल फोन को सिक्योर कर सकते हैं. इस ऐप्लीकेशन को आप CEIR की आधिकारिक वेबसाइट या प्ले स्टोर के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं. ऐप का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को फोन के आईएमईआई नंबर की जरूरत पड़ती है. 


कैसे काम करता है CEIR 


दरअसल, CEIR ऐप मोबाइल के आईएमईआई डेटाबेस पर काम करता है. ये प्लेटफार्म मोबाइल फोन निर्माता कंपनियो और टेलिकॉम ऑपरेटर के साथ मिलकर काम करता है. यदि किसी का फोन चोरी या गुम हो जाता है और व्यक्ति इसकी रिपोर्ट करता है तो CEIR की मदद से फोन को ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि इसका इस्तेमाल और कोई न कर पाए. यदि कोई व्यक्ति सिम कार्ड बदल के भी फोन का इस्तेमाल करना चाहता है तो वह ऐसा नहीं कर पाता है. 


मोबाइल गुम हो जाए तो ये करें


अगर आपका मोबाइल फोन गुम या चोरी हो जाता है और आपको इसके मिलने की संभावना नहीं लगती है तो फौरन पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाएं. इसके बाद फिर सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर की आधिकारिक वेबसाइट पर आएं और यहां फॉर्म को फिल करें. फॉर्म को फिल करते वक्त आपसे महत्वपूर्ण जानकारी और FIR की कॉपी मांगी जाएगी. फॉर्म जमा करने के 24 घंटे के भीतर मोबाइल फोन का आईएमइआई नंबर ब्लॉक कर दिया जाता है. ऐप की खास बात ये है कि यदि आपको फोन मिल जाता है तो आप आसानी से मोबाइल फोन को अनब्लॉक भी करा सकते हैं.


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