अगर आप वाटर रेसिस्टेंस या वाटरप्रूफ या वाटर रिपेलेंट स्मार्टफोन लेन का मन बना रहे हैं तो इन तीनों के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है. अधिकांश लोग इनके बीच का अंतर नहीं समझते लेकिन यह जानना जरूरी है नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है.
वाटर रेसिस्टेंट
सबसे पहले यह जान लें कि वाटर रेसिस्टेंट का मतलब वाटर प्रूफ नहीं होता है. सच तो यह है कि बहुत कम इलेक्ट्रॉनिक्स सही अर्थों में वाटर प्रूफ होते हैं. डिवाइस के वाटर रेसिस्टेंट होने का मतलब होता है कि फोन के अंदर पानी का जाना काफी मुश्किल है. वाटर रेसिस्टेंट से लैस स्मार्टफोन्स का भी मतलब यही है कि पानी की कुछ बूंदें पड़ने से कोई नुकसान नहीं होता. इसका मतलब यह नहीं फोन पानी में डूब गया तो इसे कुछ नहीं होगा.
आईपी रेटिंग्स
वाटर रेसिस्टेंट फोन की डिवाइस के लिए एक रेटिंग का इस्तेमाल होता है जिसे आईपी रेटिंग्स कहते हैं. आईपी रेटिंग्स एक से नौ तक होती हैं और नौ सबसे अच्छा माना जाता है.
वाटर रेसिस्टेंस रेटिंग्स केवल कुछ ही परिस्थितियों में लागू होती है और ये दुनिया में मिलना बहुत मुश्किल हैं. दरअसल आईपी रेटिंग्स को प्रयोगशालाओं में किए गए प्रयोग के आधार पर एक से नौ तक मापा जाता है जबकि बाहरी दुनिया के हालात काफी अलग होते हैं. इसे ऐसे समझें कि प्रयोगशाला में फ्रेश वाटर का इस्तेमाल में लाया जाता है. लेकिन बाहर के पानी में कई तरह के सॉल्ट और केमिकल होते हैं.
वाटर रिपेलेंट
वाटर रिपेलेंट तकनीकी मे फोन या डिवाइस पर एक पतली फिल्म चढ़ाई जाती है, जो पानी को फोन में नहीं जाने देती. डिवाइस में इस फिल्म को अंदर और बाहर दोनों ओर से लगाया जाता है. वाटर रिपेलेंट तकनीक के लिए अधिकतर हाइड्रोफोबिक सतह तैयार की जाती है. इस तकनीक की मदद से कोई डिवाइस सामान्य डिवाइस की तुलना में ज्यादा देर पानी में सुरक्षित रह सकता है.
वाटरप्रूफ
वाटरप्रूफ सर्टिफिकेशन वाले स्मार्टफोन फोन पानी में सुरक्षित है. इस फोन को पानी के अंदर फोटोग्राफी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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