Mobile Signal Booster: आजकल सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. करीब-करीब सभी घरों में मोबाइल पहुंच चुका है. अच्छी कनेक्टिविटी और तेज रफ्तार इंटरनेट के लिए टेलीकॉम कंपनियां भी लगातार काम करती रहती हैं. इसी कड़ी में देश 4G से आगे बढ़कर 5G की दुनिया में कदम रख चुका है. बहुत लोगों को ये समस्या रहती है कि उनके घर या किसी विशेष क्षेत्र में सिग्नल नहीं मिल पाते हैं. जरूरी नहीं यह टेलीकॉम कंपनियों की कमी हो.
बहुत से लोग अपने घरों या दुकानों में मोबाइल सिग्नल बूस्टर लगाए रखते हैं, जिससे आसपास के लोगों को अच्छा सिग्नल नहीं मिल पाता है. अगर आपके साथ भी घर पर ये समस्या होती है तो संभव है आपके अड़ोस पड़ोस में कहीं ये डिवाइस लगी हो. जिस वजह से आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा हो. आइए जानते हैं सिग्नल बूस्टर क्या होता है और ये कैसे काम करता है...
क्या होता है बूस्टर?
ग्रामीण या दूर-दराज के इलाकों में अक्सर नेटवर्क की समस्या होती है, वहां अपनी सुविधा के लिए लोग ऐसे बूस्टर लगाते हैं. ये बूस्टर मोबाइल सिग्नल को पकड़ने में मदद करते हैं. इसको लगाने से लोगों को वॉइस ब्रेक या कॉल ड्रॉप की समस्या से छुटकारा मिलता है, लेकिन ऐसे बूस्टर लगाना अवैध होता है. इनको लगाने की अनुमति न तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स की ओर से दी जाती है और न ही टेलीकम्युनिकेशन विभाग की ओर से. बूस्टर से मोबाइल का सिग्नल और इंटरनेट की स्पीड बढ़ जाती है. बूस्टर के साथ दो तरह के एंटीना का इस्तेमाल होता है, जिसमें से एक को छत पर लगाया जाता है जबकि दूसरा घर में लगा होता है. बूस्टर से रेडियो फ्रीक्वेंसी में अड़चनें आती हैं.
कंपनियां करती हैं फ्री में इंस्टॉल
बूस्टर बेचने वाली कंपनियां इसे मुफ्त में इंस्टॉल करती हैं. बूस्टर खरीदने के बाद उस कंपनी से एक इंजीनियर घर जाता है और बूस्टर को इंस्टॉल करके जाता है. घर में एक एडाप्टर लगता है. इसे छत पर लगे एंटीना से तार के जरिये जोड़ दिया जाता है. दिल्ली में कई कंपनियां बूस्टर बेचने का काम करती हैं, लेकिन इसे लगवाना अवैध होता है. सरकार भी बूस्टर को हटवाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करती है और उन्हें राजी कर बूस्टर हटवाती है.
मोबाइल टावर का हटना भी एक वजह
एक अनुमान के हिसाब से दिल्ली में तकरीबन 3 हजार अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर लगे हुए हैं, जिससे अक्सर कॉल ड्रॉप और नेटवर्क से जुड़ी समस्याएं आती रहती हैं. हालांकि, कुछ समस्याएं मोबाइल टावरों के हटने से भी बढ़ी हैं. दरअसल, सरकार के आदेश पर रिहायशी इलाकों से कई टावर हटाए गए हैं. इस वजह से भी सिग्नल में परेशानी आती है, लेकिन असली वजह अवैध सिग्नल बूस्टर ही हैं.
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