Chinese Mobile Jammer: आजकल मोबाइल जैमर काफी चर्चा में रहते हैं. ज्यादातर जगहों पर मोबाइल जैमर लगा दिया जाता है जिसके बाद वहां लोगों के मोबाइल से नेटवर्क चले जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता दें कि आखिर ये मोबाइल जैमर काम कैसे करते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.
दरअसल, मोबाइल जैमर से फ्रीक्वेंसी छोड़ी जाती है. जिस प्रकार पावर से फ्रीक्वेंसी एमिट करने पर हम लोग मोबाइल से फ्रीक्वेंसी पकड़ सकते हैं. इसी तरह से यह भी एक फ्रीक्वेंसी एमिट करते हैं जिससे मोबाइल की जो फ्रीक्वेंसी है जिस मोबाइल पर हमें फ्रीक्वेंसी दे रहा है वह न्यूट्रलाइज हो जाती है और मोबाइल कम्युनिकेशन disrupt हो जाता है.
इतना ही नहीं जिस भी टारगेटेड बैंड में यह काम कर रहे हैं वह टारगेटेड बैंड में कम्युनिकेशन बंद हो जाता है. अब इसमें पुलिस और आर्मी का कम्युनिकेशन भी हो सकता है जो पूरा disrupt हो सकता है.
कैसे काम करते हैं मोबाइल जैमर
यह डिवाइस रिसीवर नहीं है. यह अमीटर होते हैं तो इसमें जो डिवाइस होती है वह रेडियो फ्रीक्वेंसी को छोड़ता है जिसकी फ्रीक्वेंसी को टाइम टू टाइम एडजस्ट भी किया जा सकता है. क्योंकि हर तरह के डिवाइस जैसे मोबाइल कम्युनिकेशन की बात करें जो GSM पर काम करता है उसकी अलग फ्रीक्वेंसी होती है. पुलिस की वॉकी टॉकी अलग फ्रीक्वेंसी पर काम करती है और इसी तरह डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट के जो कम्युनिकेशन है, रिमोट कम्युनिकेशन या वॉयरलैस कम्युनिकेशन, वह अलग फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं. इसी तरह से अलग-अलग फ्रीक्वेंसी को सेट करके एमिटर को सेटल किया जा सकता है. इसमें कोई रिसीवर नहीं होता. डिवाइस अगर एडवांस है तो उसमें मल्टीप्ल फ्रीक्वेंसी की फैसिलिटी भी हो सकती है.
क्या है इसको बेचने का नियम
इस डिवाइस को बेचने को लेकर बहुत सख्त नियम हैं. केबिनेट सेक्रेटेरिएट का नोट है कि भारत में कोई भी प्राइवेट व्यक्ति या प्राइवेट संस्था इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इसका इस्तेमाल सरकारी संस्थाओं और लॉ एनफोर्समेंट संस्थाओं के लिए कंपलीटली लाइसेंस है तो जब तक आपके पास एप्रुपरिएट लाइसेंस नहीं है इसका आप पिक रिक्रूटमेंट परी रिक्रूटमेंट भी नहीं कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं. भारत में सिर्फ दो पीएसयू को ही इसे मैन्युफैक्चर करने या क्या डिस्ट्रीब्यूशन करने का लाइसेंस दिया हुआ है
जनता के लिए कितना बड़ा थ्रेट
अगर आप इस तरह समझिए कि त्यौहार का मौसम है. दीपावली आने वाली है. बाजारों में बहुत भीड़ है. लोग सामान खरीद रहे हैं मोबाइल कम्युनिकेशन अगर किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में ठप हो जाए तो पूरी तरह से सामाजिक अनरेस्ट लोगों में हो जाएगा. कम्युनिकेशन घर से सगे संबंधियों से कट जाएगा. इसके अलावा मोबाइल बैंकिंग बंद हो जाएगी. क्योंकि आपके मोबाइल में सिग्नल नहीं होगा तो आप मोबाइल से पेमेंट नहीं कर सकते हैं. जैसा कि आप जानते हैं कि डिजिटल क्रांति भारत में हो चुकी है और हर चीज आजकल मोबाइल पर ही है तो बाजारों में जो भीड़ है वह अपना पेमेंट नहीं कर पाएगी तो पूरी तरीके से खरीदारी रुक जाएगी और एक कियोस्क यानी कि डिस्टरबेंस हो जाएगी.
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