Disadvantages of cookies: कुकीज़ में टेक्स्ट फाइलों में यूजर्स के बारे में बहुत कम मात्रा में डेटा होता है जो वेबसाइट की मेमोरी की तरह काम करता है. जैसे ही हम सर्वर का उपयोग करते हैं, कुकीज़ के अंदर छोटी मात्रा में डेटा इकट्ठा होना शुरू हो जाता है. वेबसाइट इसका उपयोग यूजर्स और उनके डिवाइस की पहचान करने के लिए करती है, जो इन कुकीज़ को भी स्टोर करते हैं. जब भी कोई यूजर उसी वेबसाइट पर जाता है, तो कुकीज़ उसकी पहचान करते हैं और उसी के मुताबिक इन्फोर्मेंशन दिखाते हैं.


किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाने पर विचार करें, साइट के लिए बनाई गई कुकीज यह बताएगी कि हम अपनी पिछली सर्च में कौन से स्मार्टफोन खरीदना चाहते थे. कुकीज़ वेबसाइट को बजट रेंज और उन ब्रांडों के बारे में सुझाव देने में भी मदद करते हैं जिन्हें हम पसंद करते हैं. जिस किसी ने भी इंटरनेट का उपयोग किया है, उसने किसी न किसी तरह से कुकीज़ के साथ इंटरैक्ट किया है. जब भी कोई यूजर किसी नई वेबसाइट पर जाता है, तो वह कुकीज़ को स्वीकार या अस्वीकार करने की इजाजत मांगता है.


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जैसे ही आप स्वीकार करते हैं, वेबसाइट उस डोमेन के अंदर आपके बिहेवियर की पहचान करने की कोशिश करती है. यह उन पेजों के बारे में डेटा इकट्ठा करना शुरू कर देती हैं जिन पर यूजर जा रहे हैं, किसी विशेष सेक्शन पर बिताया गया समय और यहां तक ​​कि इसे बंद करने का समय भी. यदि कोई यूजर वेबसाइट द्वारा प्रदान की जाने वाली किसी भी सर्विस के लिए साइन-अप करना चाहता है, तो वह केवल उनकी सहमति से उनकी आईडी और पासवर्ड याद रखने के लिए कुकीज़ बना सकता है.


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कुकीज के फायदे (Advantages of cookies)


कुकीज़ यूजर्स के लिए एक वेबसाइट में एंटर करना और एक क्वालिटी ब्राउज़िंग के एक्सपीरिएंस को सुविधाजनक बनाते हैं. उन्हें अपनी आईडी और पासवर्ड याद रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे सिर्फ साइन-इन पेज में एंटर कर सकते हैं और सिर्फ एक क्लिक से लॉगिन कर सकते हैं. कुकीज़ अप्रासंगिक विज्ञापनों को ब्लॉक कर देती हैं और बेहतर डील पाने में मदद करती हैं.


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कुकीज के नुकसान (Disadvantages of cookies)


कुकीज़ खुद खतरनाक नहीं हैं, लेकिन हैकर्स द्वारा उनका दुरुपयोग किया जा सकता है. यदि आपके सिस्टम से कभी भी छेड़छाड़ की जाती है, तो हैकर्स आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री और अन्य संवेदनशील डेटा को उपयोग करने के लिए कुकीज से एक्सेस कर सकते हैं.


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क्या होता है अगर कुकीज को रिजेक्ट कर दें तो (What happens when we reject cookies?)


यदि कोई कुकीज़ स्वीकार नहीं करता है, तो हर बार जब वे किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो उन्हें क्रेडेंशियल डालना होगा और यह साइट के अंदर व्यवहार को ट्रैक नहीं करेगा. कोई ऐसे सामान्य विज्ञापन भी देख सकता है जो अप्रासंगिक भी हो सकते हैं. एक यूजर डेटा के पूरे नियंत्रण में होगा, लेकिन वेबसाइट का यूजर एक्सपीरिएंस उतना सुविधाजनक नहीं होगा. आप हमारे ब्राउज़र (ब्राउज़रों) से मौजूदा कुकीज़ को भी हटा सकते हैं जो कि उन्हें पहले की तरह स्वीकार नहीं करने के समान होगी.


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हाल ही में फ्रांस की एक सरकारी एजेंसी ने फेसबुक और गूगल पर करीब 240 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है. एजेंसी का आरोप है कि इन दोनों वेबसाइटों ने यूजर्स के लिए कुकीज़ स्वीकार करना बहुत आसान बना दिया है (क्योंकि यूजर्स को हमारी स्क्रीन पर सूचनाएं मिलती हैं), लेकिन कुकीज़ को हटाना इतना आसान नहीं है. कुकीज़ को हटाने का ऑप्शन सेटिंग्स के प्राइवेस ऑप्शन के अंदर छिपा हुआ है और अधिकांश औसत यूजर्स ऐसा नहीं करते हैं (जब तक कि यह पूरी तरह से आवश्यक न हो). टेक दिग्गज इसे ठीक करने के लिए एक टाइमलाइन के तहत हैं.