अपराधियों के लिए काल बनकर आया CrimeGPT, यूपी पुलिस के साथ मिलकर ऐसे करेगा काम
CrimeGPT को अपराधियों को छोटे टाइम पीरियड में जवाब देने के लिए बनाया गया है. ये एआई मॉडल अपराधियों पर नजर रखने और हिरासत में सेफ रखने में मदद करता है.
UP Police to Use CrimeGPT: देश और दुनिया आए दिन नई नई टेक्नोलॉजी आ रही है. इस सेक्टर में आई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से लोगों को काफी फायदा हो रहा है. ऐसा ही एक मॉडल इस समय सुर्खियों में है. इस मॉडल का नाम Crime GPT, जो क्रिमिनल का दुश्मन माना जा रहा है. इसे गुरुग्राम बेस्ड एआई स्टार्टअप Staqu टेक्नोलॉजी ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर बनाया है.
जानें कैसे करागर है CrimeGPT?
CrimeGPT को अपराधियों को छोटे टाइम पीरियड में जवाब देने के लिए बनाया गया है. ये एआई मॉडल अपराधियों पर नजर रखने और हिरासत में सेफ रखने में मदद करता है. ये अपराधियों के डेटाबेस से इंटीग्रेट करता है. इसकी मदद से लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी एक्सेस करके अपराधियों की पहचान करती है.
यूपी पुलिस के पास करीब 9 लाख क्रिमिनल का डेटाबेस मौजूद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,उत्तर प्रदेश में क्राइम जीपीटी पर करीब 9 लाख क्रिमिनल का डेटाबेस मौजूद है. इन सभी अपराधियों का रिकॉर्ड किसी भी लोकेशन पर आसानी से ट्रेस किया जा सकता है. एआई पावर्ड टूल को यूपी पुलिस के सर्वर पर एक्सेस किया गया है. इसे Staqu टेक्नोलॉजी ने स्टेट पुलिस के डेटा सेंटर पर होस्ट किया गया है. CrimeGPT की तरफ से डिजिटल डेटा को भी जोड़ा जाएगा. इसमें ऑडियो, इमेज, फाइल, टेक्स्ट आदि भी शामिल हैं.
नागपुर पुलिस ने भी किया इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बता दें कि नागपुर पुलिस ने भी इस एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है. ये टेक्नोलॉजी करीब 1.50 लाख अपराधियों का डेटा निकालकर जांच करेगी. साथ ही सीसीटीवी फुटेज निकालकर उनकी पहचान भी करेगी. पुलिस के लिए ये बड़ी कामयाबी के तौर पर भी देखा जा रहा है. पुलिस को इससे अपाधियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिलेगी.
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